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दिल्ली में सरकार बनते ही AAP की नजर संगठन विस्तार पर, एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) की नजर संगठन विस्तार पर है। इसके लिए पार्टी  23 फरवरी से 23 मार्च तक देश के सभी राज्यों में लोगों को जोड़ने के लिए अभियान...

दिल्ली में सरकार बनते ही AAP की नजर संगठन विस्तार पर, एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य
टीम लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 17 Feb 2020 03:27 PM
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दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) की नजर संगठन विस्तार पर है। इसके लिए पार्टी  23 फरवरी से 23 मार्च तक देश के सभी राज्यों में लोगों को जोड़ने के लिए अभियान चलाएगी। केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि हमारा मकसद एक करोड़ लोगों को इस अभियान से जोड़ने का है।

रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। अधिकांश मंत्रियों ने आज कार्यभार भी संभाल लिया। अब आप की कोशिश संगठन विस्तार करने की है।

दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान ने रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप देखा। इसी रामलीला मैदान ने उन्हें एक जुझारू आंदोलनकारी के रूप में देखा था। इसके बाद दिल्ली की सियासी गद्दी हासिल करने के बाद केंद्र के साथ उनके बगावती तेवर भी नजर आए, लेकिन रविवार को तीसरी बार दिल्ली की कमान संभालते हुए केजरीवाल बदले-बदले थे। 

उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद केवल दिल्ली के विकास की बात की। विपक्ष को उनके आरोपों के लिए माफ करते हुए मुख्यमंत्री ने दिल्ली के विकास में सबका योगदान मांगा। वर्ष 2013 और 2015 के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल टोपी लगाकर मंच पर पहुंचे थे। उन्होंने आंदोलन की पहचान बनी टोपी को लगाकर शपथ ली थी। रविवार को जब मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचे तो सिर पर टोपी नहीं थी। वे माथे पर लाल तिलक लगाकर मंच पर पहुंचे और शपथ ली।

प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मांगा
चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने जमकर केजरीवाल को निशाना बनाया तो अरविंद केजरीवाल सकारात्मक राजनीति की तरफ बढ़ते रहे। वे भाजपा के बड़े नेताओं पर आरोप लगाने से बचते रहे। रविवार को शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मांगा। उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म हो गए हैं। चुनावों में एक-दूसरे पर आरोप लगे हैं। मैं विपक्ष द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों के लिए उन्हें क्षमा करता हूं। इरादा साफ है कि अरविंद केजरीवाल अब केंद्र के साथ कोई टकराव नहीं चाहते।
 

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