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कर्नाटक चुनाव नतीजेः भाजपा के प्रदर्शन में दिखी हिंदुत्व की छाप

कर्नाटक चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उम्मीद से परे एक बड़ी वापसी की है। भाजपा ने राज्य में 2013 के चुनावों की तुलना में दुगनी से ज्यादा सीटें कब्जाई हैं। भाजपा की सीट की संख्या में 64...

कर्नाटक चुनाव नतीजेः भाजपा के प्रदर्शन में दिखी हिंदुत्व की छाप
रोशन किशोर,नई दिल्लीWed, 16 May 2018 07:18 PM
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कर्नाटक चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उम्मीद से परे एक बड़ी वापसी की है। भाजपा ने राज्य में 2013 के चुनावों की तुलना में दुगनी से ज्यादा सीटें कब्जाई हैं। भाजपा की सीट की संख्या में 64 की बढ़ोतरी हुई है।

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। बीएस येदियुरप्पा से कुछ हद तक लिंगायत वोट की वापसी और चुनाव प्रचार के आखिरी समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धड़ाधड़ हुई रैलियों का फायदा भाजपा को चुनाव नतीजों में देखने को मिला।

इन सबसे इतर भाजापा की जीत में हिन्दुत्व भी एक बड़ा कारक साबित हुआ है। 2008 से 2018 के चुनावों में भाजपा के क्षेत्रवार प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो पार्टी की मजबूती में हिंदुत्व सबसे बड़ा कारक उभरकर सामने आता है। 2018 के साथ 2008 के चुनावों की तुलना की जाए तो 2008 के चुनाव में भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था। इन दोनों चुनावों से अलग 2013 में भाजपा का प्रदर्शन बिल्कुल ही खराब था।

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भाजपा का 104 सीटों का मौजूदा आंकड़ा 2008 के चुनावों के 110 से कम है। कर्नाटक के बॉम्बे कर्नाटक क्षेत्र में 2008 के चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन इस साल के चुनाव की तुलना में अच्छा रहा था। हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में भाजपा 2008 की तुलना में इस साल बढ़त बनाने में कुछ हद तक कामयाब रही है। बताते चलें कि इन दोनों क्षेत्रों में कर्नाटक की सबसे ज्यादा लिंगायत आबादी रहती है। चुनाव नतीजों पर गौर किया जाए तो साफ है कि भाजपा को लिंगायत वोटों की वापसी से विशेष लाभ नहीं मिला है।

बैंगलोर कर्नाटक में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है। 2008 की तुलना में भाजपा को इस चुनाव में 8 सीटों का घाटा हुआ है। इस क्षेत्र में दो सीटों पर चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। इन दोनों सीटों पर भाजपा चुनाव जीत भी जाती है तब भी घाटे में ही रहेगी।

2008 के प्रदर्शन की तुलना में भाजपा ने सबसे बड़ी बढ़त तटीय कर्नाटक बेल्ट में बनाई है। इस क्षेत्र में भाजपा की सीटों में 55 फीसद की वृद्धि हुई है। यह क्षेत्र सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए जाना जाता है।

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