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69वां गणतंत्र दिवस: रिपब्लिक इंडिया बनने की जानिए पूरी कहानी

करीब सौ साल अंग्रेजी हुकूमत झेलने के बाद 15 अगस्त 1947 को मुल्क आज़ाद हुआ। उसके बाद जॉर्ज षष्ठम को राष्ट्र प्रमुख और अर्ल माउंटबेटन को गवर्नर जनरल बनाया गया। हालांकि, देश आज़ाद तो हुआ, लेकिन उसके पास...

69वां गणतंत्र दिवस: रिपब्लिक इंडिया बनने की जानिए पूरी कहानी
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम। Mon, 22 Jan 2018 06:21 PM
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करीब सौ साल अंग्रेजी हुकूमत झेलने के बाद 15 अगस्त 1947 को मुल्क आज़ाद हुआ। उसके बाद जॉर्ज षष्ठम को राष्ट्र प्रमुख और अर्ल माउंटबेटन को गवर्नर जनरल बनाया गया। हालांकि, देश आज़ाद तो हुआ, लेकिन उसके पास खुद का संविधान नहीं था। भारत का कानून गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट-1935 पर आधारित था।

संविधान में लगे दो साल, 11 महीने, 18 दिन
29 अगस्त, 1947 को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए प्रारूप समिति गठित की गई थी। प्रारूप समिति ने संविधान को तैयार करके चार नवंबर, 1947 को संविधान सभा को सौंपा था। इसे तैयार करने में समिति को दो साल, 11 महीने, 18 दिन का वक्त लगा। अंतिम रूप से 26 जनवरी, 1950 को संविधान प्रभावी हुआ। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 में इसी दिन भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। 

ब्रिटिश बैरिस्टर सेरिल रेडक्लिफ बने दो सीमा आयोगों के चेयरमैन 
जून, 1947 को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पंजाब और बंगाल के विभाजन के लिए दो सीमा आयोगों का गठन किया। उसका चेयरमैन ब्रिटिश बैरिस्टर सेरिल रेडक्लिफ को बनाया गया। रेडक्लिफ ने 13 अगस्त, 1947 को भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने वाला नक्शा पेश किया। वह पहली और अंतिम बार उस काम के लिए भारत आए। 

जून, 1947 को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पंजाब और बंगाल के विभाजन के लिए दो सीमा आयोगों का गठन किया। उसका चेयरमैन ब्रिटिश बैरिस्टर सेरिल रेडक्लिफ को बनाया गया। रेडक्लिफ ने 13 अगस्त, 1947 को भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने वाला नक्शा पेश किया। वह पहली और अंतिम बार उस काम के लिए भारत आए।

14 अगस्त पाकिस्तान की आजादी की तारीख
लॉर्ड माउंटबेटन पर भारत और पाकिस्तान के आजाद होने पर स्वतंत्रता समारोह में शिरकत करने का दबाव था। लिहाजा उसने दोनों जगह उपस्थित रहने के लिए पाकिस्तान की आजादी की तारीख 14 अगस्त निर्धारित कर दी। इसलिए पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस एक दिन पहले 14 अगस्त को पड़ता है। 
1976 में आपातकाल के दौरान संविधान में संशोधन किया गया और इसकी प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द प्रस्तावना में जोड़ा गया। 
1946 में ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार सत्ता में आई। प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली की उस सरकार ने फरवरी,1947 में घोषणा की थी कि अधिकतम जून, 1948 से पहले ही ब्रिटिश भारत को छोड़कर चले जाएंगे। 
अगस्त, 1947 में जम्मू-कश्मीर के राजा ने ये निश्चय नहीं किया कि वह किस पक्ष के साथ रहना चाहते हैं? 
अक्टूबर, 1947 में भारत में शामिल होने की घोषणा की। 
1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग करते हुए 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में घोषित किया गया था। 
1947 तक कांग्रेस ने लगातार हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। बाद में 26 जनवरी, 1950 को संविधान के पूरी तरह से प्रभावी होने के बाद इस तारीख को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 
 

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