निर्भया केस: फांसी की सजा से 3 दिन पहले दोषी अक्षय ने दाखिल की नई दया याचिका, कहा-पुरानी में सभी तथ्य नहीं
2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दोषी अक्षय ठाकुर ने नई दया याचिका दाखिल की है। यह याचिका फांसी की सजा से तीन दिन पहले दाखिल की गई है। नई याचिका में अक्षय ने कहा है कि उसकी पहली...
2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दोषी अक्षय ठाकुर ने नई दया याचिका दाखिल की है। यह याचिका फांसी की सजा से तीन दिन पहले दाखिल की गई है। नई याचिका में अक्षय ने कहा है कि उसकी पहली याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसमें सभी तथ्य नहीं थे। चार दोषी में एक अक्षय ने दिल्ली की एक अदालत में अर्जी दायर की गई जिसमें डेथ वारंट पर स्टे लगाने की मांग की गई है। अर्जी में दोषी अक्षय ने दलील दी है कि उसकी जो दया याचिका खारिज की गई है उसमें सभी तथ्य नहीं थे। आपको बता दें कि निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को तीन मार्च को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिए सत्र अदालत ने डेथ वारंट जारी किया है।
2012 Delhi gangrape case: One of the convicts, Akshay has moved mercy petition claiming that his earlier petition that was dismissed did not have all the facts. pic.twitter.com/RArzA5mUjZ
— ANI (@ANI) February 29, 2020
दोषी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से एक रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया है।
वहीं दोषी पवन कुमार गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। पवन की याचिका पर जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने सुनवाई करेगा। पवन ने अपनी मौत की सजा को आजीवन कारावास की सजा बदलने की मांग की है।
पवन के वकील एपी सिंह ने बताया था कि उनके मुवक्किल ने सुधारात्मक याचिका दायर कर कहा है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए। पवन चारों मुजरिमों में अकेला है, जिसने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर करने और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था।
दूसरी ओर दिल्ली के एक कोर्ट ने अक्षय की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट देने को कहा है। दोषी अक्षय ने अपनी याचिका में कहा है कि उसने पहले सभी तथ्य नहीं पेश किए थे।
दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात छह लोगों ने चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया का बाद में 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। इस सनसनीखेज अपराध के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि छठा आरोपी किशोर था। उसे तीन साल सुधारगृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।