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निर्भया गैंगरेप केस: फांसी की सजा से बचने के लिए SC पहुंचा दोषी मुकेश कुमार, राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं दया याचिका

2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषी मुकेश कुमार सिंह की वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुकेश सिंह राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।...

निर्भया गैंगरेप केस: फांसी की सजा से बचने के लिए SC पहुंचा दोषी मुकेश कुमार, राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं दया याचिका
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 25 Jan 2020 02:31 PM
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2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषी मुकेश कुमार सिंह की वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुकेश सिंह राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इससे पहले दिल्ली की अदालत ने निर्भया के दो दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें दोषियों के वकील ने तिहाड़ जेल से दया याचिका दाखिल करने के लिए जरूरी कागजात देने की मांग कोर्ट से की थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी।

दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप केस और हत्या के मामले के दोषियों के वकील की याचिका का निपटारा करते हुए शनिवार को कहा कि आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं है। वकील ने याचिका में आरोप लगाया था कि जेल के अधिकारी वे दस्तवेज मुहैया नहीं करा रहे हैं जो दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए जरूरी हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन ने कहा कि दोषियों के वकील तिहाड़ जेल के अधिकारियों से संबंधित दस्तावेज, पेंटिंग और डायरी की तस्वीरें ले सकते हैं।

दिल्ली पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि दोषी केवल ''विलंब करने की तरकीब अपना रहे हैं। लोक अभियोजक ने कहा, ''पूरी प्रक्रिया कानून को परास्त करने की है। हमने पहले ही सारे दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। वे जहां भी गए, हमने उन सभी जेलों से सभी दस्तावेज प्राप्त कर लिए थे।

इसके बाद उन्होंने दोषी विनय कुमार शर्मा की 'दरिंदा नाम की डायरी अदालत के समक्ष पेश की। इसके अलावा उसकी कई पेंटिंग तथा अन्य दस्तावेज भी पेश किए।  वकील ने कहा, ''हमारे पास बस यही है। अगर अदालत निर्देश दे तो हम दोषियों को तत्काल ये सौंप सकते हैं। दोषियों के वकील ए. पी. सिंह ने आरोप लगाया कि विनय को धीमा जहर दिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी चिकित्सकीय जांच के कागज उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि शुक्रवार रात जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज उन्हें मिले, लेकिन विनय की डायरी और मेडिकल कागजात नहीं मिले हैं। 

सिंह ने कहा, वे (तिहाड़ जेल प्रशासन) कहते हैं कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। विनय को धीमा जहर दिया जा रहा था, इसीलिए उसे अस्पताल भी भेजा गया था। विनय ने उस बारे में कई पेंटिंग बनाई हैं और हम उस बारे में राष्ट्रपति को बताना चाहते हैं। यह भी बताने की जरूरत है कि उन चित्रों से उसे क्या आय हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंडलोई जेल में दूसरे आरोपी पवन सिंह का सिर फोड़ दिया गया था, उसे अस्पताल ले जाया गया था लेकिन वे कागजात भी वकील को मुहैया नहीं कराए गए। सिंह ने कहा कि तीसरे आरोपी अक्षय कुमार सिंह के स्वास्थ्य से जुड़े कागजात भी नहीं मिले हैं जो दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए जरूरी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय और मुकेश (32) की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थीं। राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है। गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां उसने दम तोड़ दिया।

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