दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे (Anti Sikh Riots 1984) के एक और मामले में होने वाली सुनवाई 22 जनवरी तक टल गई है। कुमार पर सिखों की हत्या करने के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है। सज्जन कुमार के मुख्य वकील अनिल शर्मा के कोर्ट में उपस्थित न होने वजह से सुनवाई टाल दी गई।
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सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद गुप्ता और वेद प्रकाश सुल्तानपुरी में सुरजीत सिंह की हत्या से जुड़े मामले में हत्या तथा दंगे फैलाने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। गवाह छम कौर ने 16 नवंबर को अदालत में कुमार की पहचान उस व्यक्ति के तौर पर कर ली जिसने सिखों की हत्या के लिए भीड़ को कथित तौर पर भड़काया था।
कौर ने अदालत को बताया था, '31 अक्टूबर 1984 को हम इंदिरा गांधी की हत्या के बारे में टीवी पर देख रहे थे। एक नवंबर 1984 को जब मैं अपनी बकरी को देखने के लिए नीचे उतरी तो मैंने देखा कि सज्जन कुमार भीड़ को संबोधित कर रहे हैं और कह रहे हैं 'हमारी मां मार दी। सरदारों को मार दो।'
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उन्होंने आगे कहा कि अगली सुबह उन पर हमला किया गया जिसमें उसके बेटे और पिता की हत्या कर दी गई। सुनवाई के दौरान कौर ने कुमार की पहचान भी की जो अदालत में मौजूद थे। कौर से पहले अभियोजन की एक अन्य गवाह शीला कौर ने भी कुमार की पहचान उस व्यक्ति के तौर पर की जिसने सुल्तानपुरी में भीड़ को उकसाया था।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिख दंगों के एक अन्य मामले में 17 दिसंबर को कुमार को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने कहा था कि ये दंगे 'मानवता के खिलाफ अपराध थे जिन्हें उन लोगों ने अंजाम दिया जिन्हें 'राजनीतिक संरक्षण हासिल था और एक 'उदासीन कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इनकी सहायता की।'