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1984 सिख दंगे: कांग्रेस ने कहा- भाजपा सज्जन की सजा को सियासी रंग न दे

कांग्रेस ने सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा मिलने के मुद्दे पर भाजपा को राजनीति नहीं करने की सलाह दी है। पार्टी ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उसे गुजरात दंगों की याद...

1984 सिख दंगे: कांग्रेस ने कहा- भाजपा सज्जन की सजा को सियासी रंग न दे
विशेष संवाददाता,नई दिल्ली| Tue, 18 Dec 2018 02:50 AM
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कांग्रेस ने सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा मिलने के मुद्दे पर भाजपा को राजनीति नहीं करने की सलाह दी है। पार्टी ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उसे गुजरात दंगों की याद दिलाई। उसने सज्जन को सजा दिए जाने को कानूनी प्रक्रिया बताया और कहा कि इस मामले से उसका दूर-दूर तक संबंध नहीं है। उसने यह भी कहा कि सज्जन का लोकसभा का टिकट काट दिया गया था और वह संगठन में किसी पद पर नहीं हैं। 

मामले से लेना-देना नहीं

पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा, यह एक कानूनी प्रक्रिया है। कांग्रेस का इससे कोई सरोकार नहीं है। पार्टी का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। पर भाजपा इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। भाजपा इसका राजनीतिकरण करती है तो उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उस पर 2002 के गुजरात दंगों के दाग हैं। आरोप लगाने से पहले भाजपा को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। भाजपा पुराने मुद्दे उठाएगी तो दंगों और लोगों की मौत के आरोप उनके खिलाफ भी आएंगे।

कमलनाथ पर सफाई 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सिख विरोधी दंगो में शामिल होने के भाजपा के आरोपों के जवाब में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, इससे भद्दा राजनीतिक आरोप नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कमलनाथ का नाम कभी सिख विरोधी दंगों में नहीं आया। उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। ऐसे में कांग्रेस भी केंद्र में बड़े पदों पर बैठे लोगों के बारे में सवाल कर सकती है। इसलिए बेहतर है कि भाजपा ऐसे मामलों का राजनीतिकरण न करे।

मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं : कमलनाथ

साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपना नाम घसीटे जाने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि उनके खिलाफ इस मामले में कोई प्राथमिकी या आरोपपत्र नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति के चलते लोग अब उनका नाम इसमें ले रहे हैं।
सोमवार दोपहर मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने कहा, मैंने आज शपथ ली है। मैंने 1991 में भी शपथ ली थी, तब किसी ने कुछ कहा। मैंने उसके बाद कई दफा शपथ ली, किसी ने कुछ नहीं कहा। कोई मामला मेरे खिलाफ नहीं है, कोई प्राथमिकी मेरे खिलाफ नहीं है, कोई चार्जशीट मेरे खिलाफ नहीं है। मैं दिल्ली का प्रभारी रहा। जब मैं कांग्रेस का महामंत्री था तब किसी ने कोई बात नहीं उठाई। लेकिन आज ये बात उठाई गई। जाहिर है इसके पीछे क्या राजनीति है। गौरतलब है कि भाजपा नेता अरुण जेटली ने दावा किया था कि सिख कमलनाथ को समुदाय के खिलाफ हिंसा में दोषी मानते हैं।

मैं 34 साल से इन नेताओं का नाम लेता रहा हूं : अमरिंदर सिंह 

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिख दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को मिली सजा की प्रशंसा की है। साथ ही कहा कि दंगा पीड़ितों से मिली सूचना के आधार पर वह गत 34 साल से इन कांग्रेसी नेताओं का नाम लेते रहे हैं। अमरिंदर ने इसे आजाद भारत की सबसे भयंकर सांप्रदायिक हिंसा में से एक के पीड़ितों को अंतत: न्याय मिलने का मामला बताया। उन्होंने एक बयान में कहा कि हाईकोर्ट के आदेश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की न्यायपालिका राष्ट्र की लोकतांत्रिक प्रणाली के स्तंभ के रूप में निरंतर खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, वह दंगों के दौरान दिल्ली के शरणार्थी शिविरों के पीड़ितों से व्यक्तिगत रूप से मिली सूचनाओं के आधार पर पिछले 34 साल से सज्जन, धर्मदास शास्त्री, एच.के.एल भगत और अर्जुन दास सहित कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं का नाम लेते रहे हैं। अमरिंदर ने कहा, शरणार्थी शिविरों के पीड़ितों से उनकी बातचीत में कई बार सज्जन का नाम सामने आया था। मुख्यमंत्री के मुताबिक, सज्जन सहित अन्य नेताओं को पार्टी से कोई आधिकारिक मंजूरी नहीं थी। वे घिनौने अपराध के लिए सजा पाने के हकदार हैं। न तो कांग्रेस पार्टी और न ही गांधी परिवार की दंगों में कोई भूमिका है। अमरिंदर ने दावा किया कि  शरणार्थी शिविरों के उनके दौरों के समय गांधी परिवार के किसी सदस्य का नाम एक बार भी सामने नहीं आया।

हां न्याय में देरी हुई, लेकिन अंतत: न्याय हुआ। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। जो कोई भी ऐसे वीभत्स अपराध में शामिल है, उसे न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। - सुनील कुमार जाखड़ , अध्यक्ष, पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति

निर्दोषों के लिए यह बेहद लंबा और दर्दनाक इंतजार रहा जिन्हें सत्ता में बैठे लोगों ने मौत के घाट उतार दिया था। दंगे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बचने नहीं दिया जाना चाहिए, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो।  -अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों के पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी हुई। लेकिन अंतत: उन्हें न्याय मिला। -उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर 

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