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प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे फेज में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का होगा निर्माण: तोमर

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत देश में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिस पर करीब 80...

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे फेज में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का होगा निर्माण: तोमर
नई दिल्ली, एजेंसीWed, 17 Jul 2019 03:10 PM
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केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत देश में 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिस पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

लोकसभा में 'वर्ष 2019-20 के लिए ग्रामीण विकास तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए तोमर ने कहा कि इन सड़कों का निर्माण 2024-25 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क परियोजना के दूसरे चरण में 29 हजार किलोमीटर सड़क बना दी गई है। कई क्षेत्रों में पहले और दूसरे चरण में सड़कें बना दी गई हैं। 

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मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने तीसरे चरण के लिए स्वीकृति दे दी है। तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा।' मनरेगा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत लोकप्रिय योजना है। एक समय था जब मनरेगा की बात आती थी तो अमानत में खयानत और खामियों की चर्चा होती है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सदस्यों ने इस बार चर्चा में कहा कि मनरेगा का पैसा बढ़ना चाहिए। मनरेगा के महत्व का जिक्र कटौती प्रस्तावों में भी किया गया है।
  
उन्होंने कहा कि मनरेगा से पांच करोड़ के आसपास श्रमिक जुड़े हुए हैं। एक तरफ मनरेगा के लिए आवंटन निरंतर बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मनरेगा को जनोपयोगी भी बनाया गया है। तोमर ने कहा कि मनरेगा कृषि क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसकी कुछ सीमा है जिसके अंदर में हम मनरेगा का इस्तेमाल करते हैं।

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उन्होंने कहा 'मनरेगा हमेशा चलता रहे, मैं इसका पक्षधर नहीं हूं। मनरेगा गरीबों के लिए है और हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि गरीबी मुक्त भारत का निर्माण हो। गरीबी दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।' कुछ सदस्यों द्वारा मनरेगा के आवंटन में कमी का आरोप लगाए जाने पर ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मनरेगा आवंटन को बजट दर बजट देखना चाहिए। पहले बजट में आवंटन 55 हजार करोड़ रुपये था तथा जरूरत आई तो और पैसे लिए गए। इस बार 60 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। मनरेगा में आवंटन कम करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा था और इससे अधिक आवास बनाए गए। हम 1.95 करोड़ मकान और बनाने वाले हैं। इसके लिए बजट की व्यवस्था होगी।

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