
जहां पर हैं, वहीं रुकें; दार्जिलिंग हादसे के बाद ममता बनर्जी की पर्यटकों को सलाह
संक्षेप: ममता बनर्जी ने कहा हम उत्तर बंगाल में पर्यटकों को सलाह दे रहे हैं कि जब तक हमारी पुलिस उन्हें सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लेती, तब तक वे जहां हैं, वहीं रुकें। बचाव का खर्च हमारा है और पर्यटकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को दार्जिलिंग में आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन पर गहरी चिंता व्यक्त की। इस हादसे में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं इस बात से बेहद चिंतित कि कल रात कुछ ही घंटों में अचानक हुई भारी बारिश और बाहर से हमारे राज्य में नदी के पानी के अत्यधिक प्रवाह के कारण उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल दोनों के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।" उन्होंने पर्यटकों को सलाह दी कि जब तक उन्हें सुरक्षित निकाल नहीं लिया जाता है, तब तक वे जहां पर हैं, वहीं रुके रहें।

उन्होंने आगे कहा, "कल रात उत्तर बंगाल में 12 घंटों में अचानक 300 मिमी से ज्यादा बारिश हुई और साथ ही संकोश नदी में पानी का अत्यधिक प्रवाह हुआ और साथ ही भूटान और सिक्किम से नदी का पानी भी बह गया। इससे आपदाएं हुईं।" उन्होंने आगे कहा कि हमें यह जानकर गहरा सदमा और दुःख हुआ है कि भारी बारिश और नदियों में आई बाढ़ के कारण हमने अपने कुछ भाई-बहनों को खो दिया है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। दो लोहे के पुल ढह गए हैं, कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बाढ़ आ गई है, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार जिलों में बड़े पैमाने पर जमीन जलमग्न हो गई है। विशेष रूप से मिरिक, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, माटीगाड़ा और अलीपुरद्वार में चिंताजनक क्षति और नुकसान की खबरें आई हैं।
जहां हैं, वहीं रुकें, पर्यटकों से बोलीं ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने आगे कहा, ''मैं कल रात से ही चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रख रही हूं। मैंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, उत्तर बंगाल के जिलों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक की है और इस बैठक में गौतम देब और अनित थापा जैसे जनप्रतिनिधियों ने भी भाग लिया है। मैं लगातार संपर्क में हूं और इस सिलसिले में कल अपने मुख्य सचिव के साथ व्यक्तिगत रूप से उत्तर बंगाल जा रही हूं। इस बीच, हम उत्तर बंगाल में पर्यटकों को सलाह दे रहे हैं कि जब तक हमारी पुलिस उन्हें सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लेती, तब तक वे जहां हैं, वहीं रुकें। बचाव का खर्च हमारा है और पर्यटकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।''

लेखक के बारे में
Madan Tiwariलखनऊ के रहने वाले मदन को डिजिटल मीडिया में आठ साल से अधिक का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान में यह दूसरी पारी है। राजनीतिक विषयों पर लिखने में अधिक रुचि है। नेशनल, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स, यूटीलिटी, एजुकेशन समेत विभिन्न बीट्स में काम किया है। लगभग सभी प्रमुख अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर 200 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। खाली समय में लॉन टेनिस खेलना पसंद है।
और पढ़ें



