Hindi NewsIndia NewsSonam Wangchuk wife Speaks on Husband Pakistan Link says he praised PM Modi on stage there
मेरे पति ने तो वहां भी पीएम मोदी की तारीफ की, पाकिस्तान लिंक पर बोलीं सोनम वांगचुक की पत्नी

मेरे पति ने तो वहां भी पीएम मोदी की तारीफ की, पाकिस्तान लिंक पर बोलीं सोनम वांगचुक की पत्नी

संक्षेप: सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा सवालों के घेरे में है। इसको लेकर सोनम वांगचुक की पत्नी का जवाब आया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि एंग्मो ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। गीतांजलि ने कहा कि हम पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रम में गए थे।

Sun, 28 Sep 2025 06:53 PMDeepak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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सोनम वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा सवालों के घेरे में है। इसको लेकर सोनम वांगचुक की पत्नी का जवाब आया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि एंग्मो ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। गीतांजलि ने कहा कि हम पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रम में गए थे। मेरे पति ने वहां भी मंच से पीएम मोदी की ही तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने सोनम वांगचुक द्वारा अपने संगठन के जरिए पैसे कमाने की बात को भी सिरे से खारिज किया है। गीतांजलि ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक लंबे समय से गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन 24 सितंबर को सीआरपीएफ के ऐक्शन के चलते हालात बिगड़े।

हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (एचआईएएल) की सह-संस्थापक अंगमो ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा‘ से बातचीत में कहा कि हिरासत में लिए जाने के बाद से वह अपने पति से बात नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने जलवायु कार्यकर्ता और उनके संस्थानों पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। अंगमो ने दावा किया कि उन्हें हिरासत में लिए जाने के आदेश की प्रति नहीं सौंपी गई है। अंगमो ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को आदेश की प्रति भेजने का वादा किया था। हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे।

पाकिस्तान यात्रा पर क्या बोलीं
अंगमो ने कहा कि पाकिस्तान की उनकी हालिया यात्रा पूरी तरह से पेशेवर और जलवायु-केंद्रित थी। अपने पति के पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि वांगचुक की सभी विदेश यात्राएं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और संस्थानों के निमंत्रण पर हुई थीं। उन्होंने बताया कि हमने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था, और यह जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित था। हिमालय की चोटी पर स्थित ग्लेशियर यह नहीं देखेगा कि मैं पाकिस्तान में बह रहा हूं या भारत में। उन्होंने कहा कि फरवरी में आयोजित ‘ब्रीद पाकिस्तान’ सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान और डॉन मीडिया ने किया था और इसमें बहुराष्ट्रीय सहयोग शामिल था। गीतांजलि ने कहा कि इस दौरान भी मंच से उनके पति ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तारीफ की थी।

गौरतलब है कि लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने कहा है कि वांगचुक के पाकिस्तान से कथित संबंध होने की जांच की जा रही है। पिछले महीने एक पाकिस्तानी जासूस की गिरफ्तारी की गई थी जिसने वांगचुक के विरोध प्रदर्शनों के वीडियो सीमा पार भेजे थे। पुलिस प्रमुख ने वांगचुक की कुछ ‘संदिग्ध’ विदेश यात्राओं का भी हवाला दिया, जिनमें ‘द डॉन’ के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनका पाकिस्तान जाना भी शामिल है।

गीतांजलि ने कहा कि आईसीआईएमओडी जैसे संगठन हैं, जो सभी आठ हिंदुकुश देशों को एक साथ लाते हैं और विभिन्न मुद्दों पर काम करते हैं। हम आईसीआईएमओडी के हिमालयन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम का हिस्सा हैं। अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईएमओडी) एक नेपाल-आधारित संगठन है जिसकी स्थापना 1983 में हुई थी और इसमें हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र के आठ क्षेत्रीय सदस्य देश - भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान शामिल हैं।

सुरक्षा बलों पर उठाया सवाल
अंगमो ने सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा सवाल यह है कि सीआरपीएफ को गोली चलाने का अधिकार किसने दिया? आप ने अपने ही लोगों, अपने ही युवाओं पर गोली क्यों चलाई? वांगचुक द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जाने के आरोप पर अंगमो ने दावा किया कि उनके लद्दाखी शब्दों को संदर्भ से बाहर निकालकर गलत अर्थ निकाला गया। अंगमो ने कहा कि उन्होंने बस इतना कहा कि ‘जब बदलाव होना है, तो इसकी शुरुआत एक व्यक्ति से हो सकती है, या एक व्यक्ति की मौत से, और वह व्यक्ति मैं भी हो सकती हूं; मैं इसके लिए खुशी से अपनी जान देने को तैयार हूं।’

विदेशी धन मिलने से इनकार
अपने संस्थानों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर अंगमो ने एचआईएएल को मिले विदेशी धन, यूजीसी पंजीकरण, एसईसीएमओएल के एफसीआरए रद्दीकरण और भूमि आवंटन के बारे में विस्तृत बचाव प्रस्तुत किया। अंगमो ने इस बात से इनकार किया कि एचआईएएल ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) की मंज़ूरी के बिना विदेशों से दान लिया, और दावा किया कि इस धनराशि का भुगतान उनकी तकनीकों के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारे सेवा समझौते हैं, जिसके अनुसार यह एक परामर्श कार्य है जो हम एचआईएएल को दे रहे हैं जिसके लिए हम उन्हें भुगतान करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि एचआईएएल अपने 400 छात्रों से कोई शुल्क नहीं लेता और बर्फ के स्तूपों और पैसिव सौर भवनों जैसे नवाचारों के माध्यम से खर्च के लिए रकम जुटाता है। उन्होंने कहा कि वे अपनी तकनीकों का पेटेंट नहीं कराते हैं, ताकि वे सार्वजनिक उपयोग के लिए निःशुल्क उपलब्ध रहें। अंगमो ने कहा कि एचआईएएल ने 2022 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) में पंजीकरण के लिए आवेदन किया था और 15 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया था। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर पंजीकरण नहीं हुआ है, तो इसका कारण यह है कि वे इसे टाल रहे हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि एचआईएएल की जमीन का पट्टा इसलिए रुका हुआ है क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन के पास ऐसे संस्थानों के लिए कोई श्रेणी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जबकि एचआईएएल पर सवाल उठ रहे हैं, सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय, जो 2021 में शुरू हुआ था, के पास अब भी कोई इमारत नहीं है। बता दें कि हिंसा की घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कथित वित्तीय विसंगतियों का हवाला देते हुए वांगचुक द्वारा स्थापित संगठन ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ को दिया गया एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था।

पुलिस ने जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक को शुक्रवार को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में ले लिया। यह कदम पिछले बुधवार को लेह में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और इसे राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के दो दिन बाद उठाया गया है। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए। वांगचुक लद्दाख के अधिकारों के लिए पांच साल से चल रहे आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति थे, जिनको हिरासत में लिए जाने पर विभिन्न वर्गों से कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं थीं। उन्हें राजस्थान के जोधपुर की जेल में रखा गया है।