राज्य की सुरक्षा को था खतरा, हानिकारक गतिविधियों में शामिल थे वांगचुक; SC में बोले लेह डीएम
संक्षेप: हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर, मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने और लद्दाख प्रशासन को सोनम वांगचुक को तुरंत इस अदालत में पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट में लद्दाख प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) का इस्तेमाल करने का बचाव किया है। शीर्ष अदालत को सौंपे गए एक हलफनामे में लेह के जिलाधिकारी ने कहा है कि NSA लगाने में उचित प्रक्रिया का ईमानदारी और सख्ती पूर्वक पालन किया गया है। लेह जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, "सोनम वांगचुक की गतिविधियाँ राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक थीं। इसलिए सभी संवैधानिक सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए उनके खिलाफ NSA लगाया गया था।"
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ के समक्ष दायर एक हलफनामे में ये बातें कहीं गई हैं। पीठ सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत उनकी नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अंगमो ने याचिका में वांगचुक को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया था। हालांकि, कोर्ट ने मामले में सुनवाई स्थगित करते हुए 15 अक्टूबर (बुधवार) की नई तारीख तय की है।
अवैध रूप से हिरासत में लेने से इनकार
हलफनामें में लेह के डीएम ने इस बात से इनकार किया है कि वांगचुक को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था या हिरासत में उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा था, और कहा कि हिरासत के कारणों और सामग्री के बारे में उन्हें सूचित कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने छह अक्टूबर को केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को नोटिस जारी किए थे। अदालत ने हिरासत का कारण बताने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था और मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर तक स्थगित कर दी थी।
वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था
केंद्र शासित प्रदेश में लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दो दिन बाद,वांगचुक को 26 सितंबर को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। इससे दो दिन पहले लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे। सरकार ने उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।
वांगचुक जोधपुर जेल में बंद
NSA केंद्र और राज्यों को किसी भी व्यक्ति को ‘‘भारत की रक्षा के लिए नुकसानदायक’’ तरीके से कार्य करने से रोकने के लिए हिरासत में लेने का अधिकार देता है। अधिकतम हिरासत अवधि 12 महीने है, हालांकि इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है। वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं।





