Hindi Newsदेश न्यूज़Shocking revelation about RG Kar Medical College accused Post as Police chilling details

खुद को बताता था पुलिस, बैरक में रुकता था; कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज के दरिंदे पर नए खुलासे

RG Kar Medical College News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर के दरिंदे को लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसके मुताबिक आरोपी संजय रॉय खुद को पुलिसवाला बताता था। इसके दम पर वह लोगों पर रौब भी गांठता था।

खुद को बताता था पुलिस, बैरक में रुकता था; कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज के दरिंदे पर नए खुलासे
Deepak लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाताMon, 12 Aug 2024 09:37 AM
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RG Kar Medical College News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर के दरिंदे को लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसके मुताबिक आरोपी संजय रॉय खुद को पुलिसवाला बताता था। इसके दम पर वह लोगों पर रौब भी गांठता था। अपनी पहुंच का फायदा उठाकर वह अकसर पुलिस बैरकों में रुका करता था। यही नहीं, असहाय मरीजों को हॉस्पिटल, नर्सिंग होम में बेड दिलाने के नाम पर उनसे वसूली भी करता था। डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। बताया जाता है कि गिरफ्तार किए जाने के बाद उसने पुलिस से कहा कि चाहो तो मुझे फांसी पर चढ़ा दो। गौरतलब है कि डॉक्टर की रेप और हत्या को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है।

हत्यारोपी संजय रॉय के बारे में नई बातें सामने आई हैं। बताया जाता है कि रॉय कोलकाता पुलिस के साथ बतौर सिविक वॉलंटियर काम करता था। सिविक वॉलंटियर्स को कांट्रैक्ट पर रखा जाता है। यह लोग ट्रैफिक मैनेजमेंट और डिजास्टर रिस्पांस में स्थानीय पुलिस की मदद करते हैं। इन्हें बतौर भत्ता हर महीने करीब 12000 रुपए दिए जाते हैं। हालांकि इन्हें पुलिस को मिलने वाली अन्य सुविधाएं नहीं मुहैया कराई जातीं। एनडीटीवी के मुताबिक रॉय ने साल 2019 में बतौर वॉलंटियर कोलकाता पुलिस के डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप को ज्वॉइन किया था। बाद में वह पुलिस वेलफेयर सेल में शिफ्ट हो गया। इसके बाद वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पुलिस आउटपोस्ट में चला गया, जहां उसका सभी विभागों में आना-जाना हो गया।

असली पुलिस नहीं होने के बावजूद, संजय का रवैया पुलिस जैसा ही था। वह अपने संपर्कों का फायदा उठाकर जब-तब पुलिस बैरक में रुका करता था। संजय कोलकाता पुलिस की टी-शर्ट पहनकर घूमता रहता था। यहां तक कि उसने अपनी बाइक पर भी कोलकाता पुलिस लिखवा रखा था। दूसरे सिविक वॉलंटियर्स के बीच वह खुद को कोलकाता पुलिस का जवान बताकर ही परिचय देता था। रिपोर्ट्स के मुताबिक संजय रॉय उस रैकेट का हिस्सा था, जो सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराने के बदले लोगों से पैसे लेता है। अगर सरकारी अस्पताल में बेड नहीं मिलता था तो नजदीकी नर्सिंग होम में भर्ती कराने के बदले भी वह मरीजों के रिश्तेदारों से पैसे वसूलता था।

स्थानीय मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रॉय से पूछताछ शुरू कर दी। बताया जाता है कि उसने बिना डरे सवालों के जवाब दिए। उसने पुलिस से यह भी कहा कि अगर वह चाहे तो फांसी पर लटका दे। यह भी पाया गया कि उसके मोबाइल में पोर्न वीडियोज की भरमार थी। सीसीटीवी फुटेज में सुबह के चार बजे अस्पताल परिसर में स्थित इमरजेंसी बिल्डिंग में रॉय को घुसते हुए देखा गया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसी बिल्डिंग में डॉक्टर का शव मिला था।

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