नया होगा PMO का पता; साउथ ब्लॉक हुआ पुराना, नवरात्रि में बड़े बदलाव की तैयारी, क्या प्लान?
संक्षेप: रिपोर्ट में कहा गया है कि PMO दफ्तर नए पते पर शिफ्ट होने के बाद साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा। दरअसल, सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव परियोजना अपने अंतिम चरण में है।

लंबे समय से देश के प्रधानमंत्री का कार्यालय रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन का साउथ ब्लॉक है लेकिन जल्द ही ये पता बदलने वाला है। खबर है कि अगले सप्ताह से शुरू हो रहे नवरात्रि के दौरान प्रधानमंत्री, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय अपने नए पते पर शिफ्ट हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम डेल्ही कॉन्फिडेंन्शियल के मुताबिक, प्रधानमंत्री, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय नवरात्रि के दौरान राष्ट्रपति भवन स्थित अपने वर्तमान पते से नए परिसर में स्थानांतरित होना शुरू हो सकता है। इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि PMO दफ्तर नए पते पर शिफ्ट होने के बाद साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा। दरअसल, सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव परियोजना निर्माणाधीन है और अपने अंतिम चरण में है। इसी एन्क्लेव में प्रधानमंत्री, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के नए कार्यालय तीन इमारतों में होंगे।
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा
बता दें कि एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव परियोजना केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का ही हिस्सा है, जिसके तहत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), कैबिनेट सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और एक सम्मेलन केंद्र (इंडिया हाउस) का निर्माण हो रहा है। यह पुराने साउथ ब्लॉक के पास ही प्लॉट नंबर 36/38 पर स्थित है। नया एन्क्लेव ना सिर्फ आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा बल्कि प्रधानमंत्री आवास के भी करीब होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,189 करोड़ रुपये बताई गई है। इसे 2027 तक पूरा किया जाना ता लेकिन समय से पहले ही इसमें प्रस्तावित दफ्तर शिफ्ट हो सकते हैं।
पिछले महीने तीन मंत्रालय के दफ्तर हो चुके स्थानांतरित
बता दें कि पिछले महीने ही गृह, विदेश और कार्मिक मंत्रालयों को नए कर्तव्य भवन-3 में स्थानांतरित कर दिया गया था। उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने पुराने कार्यालयों की स्थिति पर दुख व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख मंत्रालय दशकों से तंग और कम रोशनी वाली इमारतों में काम करते रहे हैं। दरअसल, पुराने औपनिवेशिक काल की इमारतों में जगह की कमी और आधुनिक सुविधाओं के अभाव के कारण सरकार को नए बुनियादी ढाँचे की जरूरत महसूस हुई जो एक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति को भी दर्शाता है। इसी वजह से सेंट्रल विस्टा का विकास किया जा रहा है।





