
PM-CM को हटाने वाले बिल पर दिए बयान पर शशि थरूर की आई सफाई, क्या कहा?
संक्षेप: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मेरा कहना सीधा था: अगर कोई मंत्री 30 दिन जेल में बिताता है, तो यह सामान्य ज्ञान है कि वह पद पर नहीं रह सकता, लेकिन विधेयक के व्यापक उद्देश्य का अध्ययन किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने वाले बिल पर दिए गए बयान पर शशि थरूर ने सफाई दी है। उन्होंने मीडिया पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा है कि पहली नजर में उन्हें इस बिल में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी, लेकिन इस पर अध्ययन करना होगा। उसके बाद ही इसका समर्थन या फिर इसका विरोध कर पाएंगे। मीडिया ने उनके बयान को लेकर सनसनी फैलाई।

थरूर ने एक्स पर पोस्ट किया, ''मैंने वास्तव में क्या कहा बनाम मीडिया ने क्या रिपोर्ट किया! मैंने विशेष रूप से कहा था (और यह तब था जब विपक्ष ने विधेयक पर कोई रुख नहीं अपनाया था) कि मैंने विधेयक का अध्ययन नहीं किया था, लेकिन पहली नजर में मुझे इस प्रस्ताव में कुछ भी गलत नहीं लगा कि गलत काम करने वालों को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। मैंने आगे कहा कि मैं विधेयक का अध्ययन किए बिना न तो उसका समर्थन कर रहा हूं और न ही विरोध कर रहा हूं।''
उन्होंने आगे कहा, ''मेरा कहना सीधा था: अगर कोई मंत्री 30 दिन जेल में बिताता है, तो यह सामान्य ज्ञान है कि वह पद पर नहीं रह सकता, लेकिन विधेयक के व्यापक उद्देश्य का अध्ययन किया जाना चाहिए। पत्रकारिता का वेश धारण कर सनसनी फैलाना लोकतंत्र के लिए एक क्षति है! मैं देखता हूं कि मीडिया ने अपना वही पुराना काम किया है।'' इससे पहले, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर अपने पार्टी सहयोगियों से थोड़ा अलग रुख अपनाते हुए, थरूर ने कहा कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए विधेयकों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, लेकिन पहली नजर में यह उचित है कि गलत काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को देश में कोई राजनीतिक पद धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
थरूर ने संसद परिसर में कहा, "जहां तक मेरा सवाल है, मैं उन विधेयकों के बारे में इतनी अच्छी तरह नहीं जानता कि आपको कोई टिप्पणी दे सकूं। पहली नजर में, यह उचित लगता है कि जो कोई भी गलत काम करता है उसे दंडित किया जाना चाहिए और उसे किसी उच्च संवैधानिक पद या राजनीतिक पद पर नहीं होना चाहिए। मुझे लगता है कि यह उचित है।'' संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, भ्रष्टाचार या गंभीर अपराधों के आरोपों का सामना कर रहे और कम से कम 30 दिनों से हिरासत में लिए गए किसी मुख्यमंत्री, केंद्रीय या राज्य मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान करता है। यह विधेयक बुधवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया। कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया है।

लेखक के बारे में
Madan Tiwariलखनऊ के रहने वाले मदन को डिजिटल मीडिया में आठ साल से अधिक का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान में यह दूसरी पारी है। राजनीतिक विषयों पर लिखने में अधिक रुचि है। नेशनल, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स, यूटीलिटी, एजुकेशन समेत विभिन्न बीट्स में काम किया है। लगभग सभी प्रमुख अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर 200 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। खाली समय में लॉन टेनिस खेलना पसंद है।
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