सीजेआई नहीं, यह संविधान पर जूता फेंकने की थी कोशिश; संजय राउत ने किया गुस्से का इजहार
संजय राउत ने कहा, 'जूता CJI गवई पर नहीं फेंका गया या फेंकने की कोशिश नहीं की गई, बल्कि यह भारत के संविधान पर जूता फेंकने की कोशिश थी। सत्ता में बैठे लोग भारत के संविधान का पालन करने को तैयार नहीं हैं।'

शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मंगलवार को इसे भारत के संविधान पर हमला करार दिया। राउत ने दावा किया कि यह घटना केवल सीजेआई के बारे में नहीं थी, बल्कि यह मौजूदा राजनीतिक माहौल का प्रतिबिंब थी, जहां सत्ता में बैठे लोग संविधान का सम्मान नहीं करते और उनके अनुयायी इस तरह के कृत्यों का सहारा लेते हैं।
संजय राउत ने कहा, 'जूता CJI गवई पर नहीं फेंका गया या फेंकने की कोशिश नहीं की गई, बल्कि यह भारत के संविधान पर जूता फेंकने की कोशिश थी। सत्ता में बैठे लोग भारत के संविधान का पालन करने को तैयार नहीं हैं और उनके अनुयायी इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।'
सीजेआई संग घटना की देश भर में निंदा
सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश वाली घटना ने देश में बढ़ती असहिष्णुता और संस्थानों के प्रति अनादर को लेकर तीखी बहस छेड़ दी है। कई लोगों ने जजों की सुरक्षा और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर इसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने इसे लोकतंत्र और न्यायपालिका पर हमला बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सरकारी अधिकारियों ने भी इस घटना की निंदा की और न्यायपालिका के सम्मान की महत्ता पर जोर दिया।
अजित पवार ने CJI गवई को महाराष्ट्र का गौरव बताया
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि चीफ जस्टिस गवई महाराष्ट्र के गौरव हैं। एक वकील की ओर से उन पर हमला करने का प्रयास निंदनीय है। लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। इसकी निंदा करते हुए कहा कि प्रधान न्यायाधीश गवई पर हमला संविधान और लोकतंत्र पर हमला करने का प्रयास है। अजित पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश की न्यायिक व्यवस्था का सर्वोच्च मंदिर है और न्यायपालिका या न्यायाधीशों पर हमला करना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला है।




