
'शादी में इस्तेमाल करना चाहता हूं बचा सोना', सबरीमाला के स्पॉन्सर ने लिखा था खत; कोर्ट हैरान
संक्षेप: 2019 में मूर्तियों से सोने की परत को बिना अदालत को सूचित किए हटाया गया था। जब मूर्तियां चेन्नई से वापस लाई गईं, तो उनका वजन लगभग 4 किलोग्राम कम पाया गया। जानिए क्या है पूरा मामला?
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर में सोने की चढ़ाई से जुड़े विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। मंदिर की द्वारपालक प्रतिमाओं पर सोने की प्लेटिंग के स्पॉन्सर उन्निकृष्णन पॉटी ने 2019 में बचे हुए सोने को एक लड़की की शादी के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। इसे केरल हाईकोर्ट ने 'बेहद चिंताजनक' और 'मंदिर की पवित्रता का अपमान' करार दिया गया है। अदालत ने इस मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है, जिसमें सोने के कथित चोरी और गबन की पूरी परतें खुलने की उम्मीद है।

स्पॉन्सर ने लिखा था पत्र
जानकारी के अनुसार, स्पॉन्सर उन्नीकृष्णन पॉटी ने 9 दिसंबर 2019 को त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा, “मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि सबरीमला मंदिर के गर्भगृह के मुख्य द्वार और द्वारपाल मूर्तियों के सोने के काम के बाद मेरे पास कुछ सोना बचा हुआ है। TDB के समन्वय में मैं इस बची हुई मात्रा को किसी जरूरतमंद लड़की की शादी में इस्तेमाल करना चाहता हूं। कृपया इस विषय पर अपना मूल्यवान सुझाव दें।” इस पत्र के आधार पर 17 दिसंबर 2019 को देवस्वम सचिव ने इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा था कि बचे हुए सोने का क्या किया जा सकता है।
सोने के वजन में रहस्यमयी कमी
उन्नीकृष्णन पॉटी ने सबरीमला मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे और अन्य वस्तुओं की सोने की परत चढ़ाने का कार्य अपने खर्चे पर करने की अनुमति TDB से प्राप्त की थी। TDB ने 42.8 किलोग्राम वजनी वस्तुएं पॉटी की कंपनी ‘स्मार्ट क्रिएशन्स’ को चेन्नई में सौंपी थीं। लेकिन जब ये वस्तुएं सोने की परत चढ़ाकर मंदिर वापस लाईं गईं, तो उनका वजन घटकर 38.258 किलोग्राम रह गया। वजन में यह अंतर सामने आने के बावजूद, TDB ने इस वर्ष भी पॉटी को एक और स्वर्ण-परत प्रोजेक्ट सौंप दिया था।
हाई कोर्ट की फटकार और SIT जांच
विवाद तब भड़क उठा जब केरल हाई कोर्ट ने मंदिर से मरम्मत के लिए निकाले गए पैनल तुरंत वापस लाने का आदेश दिया और TDB को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि देवस्वम अधिकारियों ने उन्नीकृष्णन के साथ मिलकर “चौंकाने वाले तरीके” से कार्य किया, जिससे मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं का भरोसा दोनों टूटे हैं।
कोर्ट ने इस सप्ताह एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है जो सोने की परत वाले तांबे के प्लेटों के वजन में कमी की जांच करेगा। यह जांच पूर्व पुलिस अधीक्षक एस. ससीधरन के नेतृत्व में होगी और अपराध शाखा के एडीजीपी एच. वेंकटेश इसकी निगरानी करेंगे। टीम में तीन निरीक्षक शामिल होंगे, जिनमें साइबर विशेषज्ञ भी होंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पूरे मामले पर केरल की पिनाराई विजयन सरकार से जवाबदेही की मांग की है। उन्होंने कहा,“मुझे लगता है कि केरल के सभी लोगों को अब यह एहसास हो गया है कि कुछ न कुछ बहुत गड़बड़ है। कई किलो सोना गायब होने के आरोप बहुत गंभीर हैं। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि ऐसा सुनियोजित ढंग से वर्षों से चल रहा प्रतीत होता है। अब जबकि हाई कोर्ट-निगरानी में SIT जांच हो रही है, यह आवश्यक है कि सच्चाई सामने आए और जिम्मेदारी तय की जाए।”





