भारतीयों को सेना में भर्ती कर रहा रूस? दूतावास ने दी सफाई, अभी भी कई फंसे
- रूस ने शनिवार को कहा कि वह अपने देश में सैन्य सेवा के लिए भारतीय नागरिकों को भर्ती करने वाली “धोखाधड़ी योजनाओं” में किसी भी “सार्वजनिक या अस्पष्ट अभियान” में शामिल नहीं है।
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सरकार रूसी सेना में भर्ती 69 भारतीयों की रिहाई का इंतजार कर रही है। जयशंकर ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को रूस की सेना में भर्ती होने के लिए गुमराह किया गया था। हालांकि अब रूस ने इन आरोपों से इनकार किया है।
रूस ने शनिवार को कहा कि वह अपने देश में सैन्य सेवा के लिए भारतीय नागरिकों को भर्ती करने वाली “धोखाधड़ी योजनाओं” में किसी भी “सार्वजनिक या अस्पष्ट अभियान” में शामिल नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली में रूसी दूतावास के हवाले से बताया कि "दूतावास भारत सरकार और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है।" इससे पहले, नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में कहा था कि रूसी सेना में सेवा करते हुए आठ भारतीय नागरिकों की मृत्यु हो चुकी है।
रूसी दूतावास के बयान में कहा गया है, "दोनों देशों की संबंधित एजेंसियां रूस में सैन्य सेवा के लिए स्वेच्छा से कॉन्ट्रैक्ट करने वाले भारतीय नागरिकों की शीघ्र पहचान और उन्हें मुक्त करने के लिए करीबी तौर पर काम करती हैं। सभी संविदात्मक दायित्वों और उचित मुआवजे का भुगतान पूरी तरह से पूरा किया जाएगा।"
इसने आगे कहा, "इस साल अप्रैल से रूसी रक्षा मंत्रालय ने भारत समेत कई विदेशी देशों के नागरिकों को रूसी सशस्त्र बलों में सैन्य सेवा में शामिल होने से रोक दिया है। रूसी सरकार रूस में सैन्य सेवा के लिए भारतीय नागरिकों की भर्ती के लिए धोखाधड़ी वाली योजनाओं में कभी भी किसी सार्वजनिक या अस्पष्ट अभियान में शामिल नहीं रही है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ रूसी सेना में भारतीयों का मुद्दा उठाया था: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि सरकार रूसी सेना में भर्ती 69 भारतीय नागरिकों के सेवा से बाहर निकलने का इंतजार कर रही है और कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष उठाया था।
उन्होंने सदन में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि सरकार ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में नागरिकों की साइबर अपराध तस्करी के मुद्दों को गंभीरता से लिया है। जयशंकर के अनुसार, रूसी सेना में कुल 91 भारतीय नागिरकों के भर्ती होने की जानकारी मिली है जिनमें जिनमें से आठ की मृत्यु हो चुकी तथा 14 को छुट्टी दे दी गई है या वापस भेज दिया गया है और 69 नागरिकों के रूस की सेना से बाहर आने का इंतजार है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं...मैंने खुद इसे कई बार रूसी विदेश मंत्री के सामने उठाया है।’’ उन्होंने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले महीने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। मंत्री ने कहा कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारियों का कहना है कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सेवा के लिए अनुबंध किया है।
जयशंकर का कहना था कि कई मामलों में यह संकेत मिलते हैं कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया था और उन्हें बताया गया था कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं तथा फिर उन्हें रूसी सेना में भर्ती करवा दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को पुतिन से आश्वासन मिला कि जो भी भारतीय नागरिक रूसी सेना की सेवा में है, उसे सेवा से हटाकर बाहर कर दिया जाएगा।
(इनपुट एजेंसी)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।