तेलंगाना में आदिवासी महिला से बलात्कार का प्रयास, गुस्साई भीड़ ने जलाईं दुकानें और घर; कर्फ्यू लगा
- पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है, अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) को भी बुलाया जा रहा है।
तेलंगाना के कुमुराम भीम आसिफाबाद जिले के जैनूर कस्बे में एक ऑटो रिक्शा चालक द्वारा एक आदिवासी महिला के साथ बलात्कार एवं हत्या के कथित प्रयास के खिलाफ आदिवासी संगठनों द्वारा किया जा रहा विरोध प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया। इससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया और अधिकारियों को कर्फ्यू लगाना पड़ा। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। जिला प्रशासन द्वारा जैनूर कस्बे में धारा 163 बीएनएसएस के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है और अफवाहों और फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर क्षेत्र में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है, अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) को भी बुलाया जा रहा है। जैनूर कस्बे में दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा एक आदिवासी महिला के कथित यौन उत्पीड़न और हत्या के प्रयास के विरोध में आदिवासी संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए।
कुछ उत्तेजित युवकों ने दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को जला दिया और एक धार्मिक स्थल पर पथराव भी किया। स्थिति दो समुदायों के बीच संघर्ष में बदल गई। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दूसरे समुदाय की संपत्तियों पर हमला करना शुरू कर दिया, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई हुई और आगजनी, पथराव और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।
ऑटो-रिक्शा चालक ने 31 अगस्त को जैनूर मंडल में 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ बलात्कार करने का प्रयास किया था, लेकिन जब उसने शोर मचाया, तो चालक ने बाद में कथित तौर पर उसे डंडे से मारकर उसकी हत्या करने का प्रयास किया, जिसके बाद महिला सड़क पर बेहोश हो गई। पुलिस ने महिला को जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया और अब उसका हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिला ने होश में आने के बाद पुलिस को घटना के बारे में बताया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया तथा उस पर यौन उत्पीड़न, हत्या के प्रयास और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद आदिवासी संगठनों ने बंद का आह्वान किया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने समुदाय के बुजुर्गों से बातचीत की और स्थिति को शांत किया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस के जवान कस्बे में गश्त कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि विशेष टीमें गठित की गई हैं और आगजनी तथा हिंसा की घटनाओं की जांच की जा रही है ताकि अपराधियों की पहचान की जा सके तथा कानून के अनुसार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने दोनों समुदायों से संयम बनाए रखने की अपील की क्योंकि आरोपी को पहले ही गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "आसिफाबाद जिले के कुमुराम भीम के जैनूर गांव में असामाजिक तत्वों द्वारा आदिवासी महिला पर किए गए क्रूर हमले से बहुत दुखी हूं। पीड़ित परिवार से बात की और सहायता की पेशकश की।"
कुमार ने कहा कि उन्होंने तेलंगाना के डीजीपी से संपर्क किया और अपराधियों तथा हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "जैनूर में कानून और व्यवस्था को तुरंत और प्रभावी ढंग से बहाल करने के लिए उन्हें सूचित किया। हमारी महिलाओं की सुरक्षा और हमारे समुदायों में शांति सर्वोपरि है।"
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मैंने जैनूर, आसिफाबाद जिले में सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं के बारे में तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से बात की है। तेलंगाना डीजीपी ने मुझे आश्वासन दिया है कि इस पर नजर रखी जा रही है और अतिरिक्त बल भेजे जा रहे हैं और कानून को अपने हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
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