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रिफ्रेशLIVE: राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर बोले राजनाथ सिंह, संसदीय मर्यादा का हुआ उल्लंघन
लोकसभा में पिछले दिनों पारित होने के बाद कृषि से जुड़े दो विधेयक रविवार को राज्यसभा से भी पारित हो गए। ध्वनि मत के जरिए करवाई गई वोटिंग से पहले सदन में विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया और इन बिलों का...
लोकसभा में पिछले दिनों पारित होने के बाद कृषि से जुड़े दो विधेयक रविवार को राज्यसभा से भी पारित हो गए। ध्वनि मत के जरिए करवाई गई वोटिंग से पहले सदन में विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया और इन बिलों का जमकर विरोध किया। इसी बीच, राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जवाब दे रहे थे तो अभूतपूर्व हंगामा हुआ। माइक तोड़ा गया और कागज फाड़े गए। मतविभाजन की मांग और सदन की कार्यवाही टालने की मांग नही मानने पर विपक्ष के सांसदों ने किया हंगामा।
कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने दोनों विधेयकों को पंजाब के किसानों के खिलाफ बताते हुए उन्हें प्रवर समिति में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को पंजाब के किसानों को कमजोर नहीं समझना चाहिए। वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने दोनों विधेयकों को किसानों के हित में बताया और कहा कि इससे उन्हें बेहतर बाजार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान किसानों की ओर है और उनकी स्थिति में सुधार के लिए वह प्रयासरत है।
राज्यसभा में इन दो बिलों पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गयाथा। इन बिलों को राज्यसभा में पेश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा। वहीं इस बिल का समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और टीएमसी सांसद ने इसका विरोध किया। वहीं जेडीयू ने इस बिल का समर्थन किया है। कांग्रेस और बीजेपी ने राज्यसभा के अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। राज्यसभा में एनडीए का बहुमत नहीं है। इसके साथ एनडीए के घटकदल शिरोमणि अकाली दल भी इन विधेयकों के खिलाफ है।
देश के इतिहास में आज एक बड़ा दिन: पीएम मोदी
राज्यसभा से भी कृषि विधेयकों के पारित होने पर पीएम मोदी ने कहा, 'भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।' उन्होंने कहा, 'दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।'
किसान विरोधी हैं विपक्षी दल: जेपी नड्डा
राज्यसभा में विपक्ष के भारी हंगामे पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी दल किसान विरोधी हैं। प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाए उन्होंने बाधा डालने की कोशिश की। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 70 वर्षों से किसानों को अन्याय से मुक्त किया है। उन्होंने कहा, 'विपक्ष का गैर-जिम्मेदाराना काम दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया, अध्यक्ष इसका ध्यान रखेंगे और कार्रवाई करेंगे। लोकतांत्रिक प्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करना चाहिए, हम सभापति से अनुरोध करेंगे कि वे इसके लिए कदम उठाएं।'
राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित
किसान संबंधी विधेयकों के राज्यसभा से पारित होने के बाद सदन को कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
Rajya Sabha adjourned till 9 am tomorrow. pic.twitter.com/PbU20l5Hdp
— ANI (@ANI) September 20, 2020
राज्यसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच पास हुए कृषि बिल
लोकसभा के बाद रविवार को राज्यसभा में पेश किए गए कृषि संबंधित विधेयक विपक्ष के भारी हंगामे के बीच पारित हो गए। वोटिंग ध्वनि मत के जरिए करवाई गई।
Rajya Sabha passes the Farmers' and Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020 and Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Bill, 2020, amid protest by Opposition MPs https://t.co/JqGYfi8k4x
— ANI (@ANI) September 20, 2020
राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है।
राज्यसभा में सभापति के माइक को विपक्ष ने तोड़ा
राज्यसभा में कृषि बिल के विरोध में अभूतपूर्व हंगामा हुआ। इस दौरान आप और टीएमसी के सांसद वेल में पहुंच गए और उन्होंने सभापति के माइक को तोड़ दिया और कागज फाड़े। मतविभाजन की मांग और सदन की कार्यवाही टालने की मांग नही मानने पर हुआ हंगामा।
Rajya Sabha: TMC MP Derek O'Brien entered the well and showed the House rule book to Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh, during discussion in the House on agriculture Bills pic.twitter.com/OlTjJb6j4F
— ANI (@ANI) September 20, 2020
राज्यसभा में कृषि मंत्री के बयान के बीच विपक्ष का हंगामा
राज्यसभा में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान के बीच विपक्ष का हंगामा। कई सांसद वेल में पहुंचे। विपक्ष के सांसद कर रहे हैं नारेबाजी, विधेयकों को कह रहे काला कानून।
इन विधेयकों से बेहतर बाजार मिल सकेगा: रामदास अठावले
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने दोनों विधेयकों को किसानों के हित में बताया और कहा कि इससे उन्हें बेहतर बाजार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान किसानों की ओर है और उनकी स्थिति में सुधार के लिए वह प्रयासरत है।
उनकी पार्टी पूरे देश में इसका विरोध करेगी: आप सांसद संजय सिंह
आप के संजय सिंह ने कहा कि दोनों विधेयक पूरी तरह से किसानों के खिलाफ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विभिन्न कानूनों के जरिए राज्यों के अधिकार अपने हाथ में लेना चाहती है। सिंह ने राज्यों को उनके जीएसटी बकाए का भुगतान किए जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि यह सरकार आश्वासन और वादे करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया, एमएसपी डेढ़ गुना करने का वादा किया, युवाओं को रोजगार लेने का वादा किया लेकिन किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि देश भर के किसान इसके विरोध में सड़कों पर हैं और उनकी पार्टी पूरे देश में इसका विरोध करेगी।
सरकार से अलग होने वाले अकाली दल ने राज्यसभा में क्या कहा
शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने दोनों विधेयकों को पंजाब के किसानों के खिलाफ बताते हुए उन्हें प्रवर समिति में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को पंजाब के किसानों को कमजोर नहीं समझना चाहिए। सरकार को पंजाब और हरियाणा के किसानों के असंतोष पर गौर करना चाहिए तथा वहां जो चिंगारी बन रही है, उसे आग में नहीं बदलने देना चाहिए। शिअद के ही एसएस ढींढसा ने भी सरकार से इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा करने और दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजने की मांग की।
शिवसेना ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
आज आप जो बिल ला रहे हैं जिसमें आपने कहा कि ये किसान के हित में है। क्या आप देश को आश्वस्त कर सकते हैं कि ये जो तीन बिल हैं ये मंज़ूर होने के बाद क्या हमारे किसानों की आय सच में डबल हो जाएगी और एक भी किसान इस देश में आत्महत्या नहीं करेगा : राज्यसभा में शिवसेना MP संजय राउत
इन बिलों को लेकर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा जरूर कोई भ्रम की स्थिति है: संजय राउत
जब पूरा देश लॉकडाउन में घर में बैठा था तो किसान खेत में काम कर रहा था। इसलिए हम आज अनाज खा रहे हैं। इस बिल के पास होने के बाद इनकम डबल हो जाएगी और किसान आत्महत्या नहीं करेगा और उनके बच्चे भूखे नहीं सोएंगे। अब आप आश्वस्त करते हैं तो यह सरकार की सबसे सफलता होगी। इस बिल को लेकर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा है इस बिल को लेकर जरूर कोई भ्रम है। क्या केंद्रीय मंत्री ने एक अफवाह की वजह से इस्तीफा दे दिया। क्या वो कान के इतने कच्चे थे। अभी तो शुरू नहीं किया आप खत्म करने के लिए कह रहे हैं। खेती धीरे-धीरे कॉरपोरेट के हाथ में जा रही है।
इन बिलों को लेकर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा जरूर कोई भ्रम की स्थिति है: संजय राउत
जब पूरा देश लॉकडाउन में घर में बैठा था तो किसान खेत में काम कर रहा था। इसलिए हम आज अनाज खा रहे हैं। इस बिल के पास होने के बाद इनकम डबल हो जाएगी और किसान आत्महत्या नहीं करेगा और उनके बच्चे भूखे नहीं सोएंगे। अब आप आश्वस्त करते हैं तो यह सरकार की सबसे सफलता होगी। इस बिल को लेकर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा है इस बिल को लेकर जरूर कोई भ्रम है। क्या केन्द्र मंत्री ने एक अफवाह की वजह से इस्तीफा दे दिया। क्या वो कान के इतने कच्चे थे। अभी तो शुरू नहीं किया आप खत्म करने के लिए कह रहे हैं। खेती धीरे-धीरे कॉरपोरेट के हाथ में जा रही है।
बिल को लेकर राज्यसभा में बीएसपी ने क्या कहा, जानें
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि किसानों को अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है और ट्रेडर को अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया है।
राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों ने किया हंगामा
Uproar by Congress MPs in Rajya Sabha after YSRCP MP VV Reddy says, "There is no reason for Congress to oppose these Bills. Congress is a party of middlemen 'dalals'."
— ANI (@ANI) September 20, 2020
Congress MP Anand Sharma demands apology from him.
Dr L Hanumanthaiah says, "nothing will go on record". pic.twitter.com/UajskpzFUF
कृषि बिलों का एनसीपी ने किया विरोध
एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल हमारे देश में कई लोग कृषि पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह बिल ला रही थी तो उसे शरद पवार और बादल जैसे किसान नेताओं से पहले बात करनी चाहिए थी।
कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है: YSRCP MP वी.वी. रेड्डी
कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। इसके बाद उन्होंने एक विवादित बयान दिया। जिस पर डॉ. एल. हनुमनथैया ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा। सांसद रेड्डी के बयान के बाद कांग्रेस ने हंगामा किया। कांग्रेस MP आनंद शर्मा ने उनसे माफी की मांग की।
कृषि बिलों को जेडीयू ने किया समर्थन
JDU सांसद राम चंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पहली बार कृषि पर नीति तब आई जब अटल बिहार वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और नीतिश कुमार कृषि मंत्री थे।
ये ग्रामीण आय क्यों कम हुई है इसका जबाव दो आप: भूपेंद्र यादव
देश को जब आजादी मिली थी तब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आय का अनुपात 2:1 था। आपकी पार्टी जो नीतियां लेकर आई दुर्भाग्य से आज आय का अनुपात 7:1 हो गया है। ये ग्रामीण आय क्यों कम हुई है इसका जबाव दो आप: राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर BJP सांसद भूपेंद्र यादव
सपा ने भी किया कृषि बिल का विरोध, कहा- सरकार सिर्फ बिल पास करना चाहती है
रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार कई महत्वपूर्ण बिलों पर बहस नहीं करना चाहता है बस उनकों बिलों को पास करना चाहते हैं। सरकार ने कोरोना के नाम पर बस बिल पेश किए हैं। आज देश की जीडीपी में कृषि का 12 फीसदी हिस्सा है और आजादी के समय यह 50 फीसदी था। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से कहा कि यह बिल आपने तैयार नहीं किया है क्योंकि आप खुद किसान है और ऐसा बिल आप नहीं बना सकते हैं।