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कोलंबिया में भारतीय कंपनियों का जलवा, बजाज पल्सर बाइक देख खुश हुए राहुल गांधी; नसीहत भी दी

कोलंबिया में भारतीय कंपनियों का जलवा, बजाज पल्सर बाइक देख खुश हुए राहुल गांधी; नसीहत भी दी

संक्षेप: राहुल गांधी ने कोलंबिया के मेडेलिन स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में कहा कि चीन की तुलना में भारत की व्यवस्था कहीं अधिक जटिल है और भारत की शक्तियां पड़ोसी देश से बहुत अलग हैं।

Fri, 3 Oct 2025 10:39 AMAmit Kumar पीटीआई, मेडेलिन
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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोलंबिया में भारतीय टू-व्हीलर निर्माता कंपनियों बजाज, हीरो और टीवीएस की सफलता की खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि भारतीय कंपनियां इनोवेशन के दम पर वैश्विक स्तर पर जीत हासिल कर सकती हैं, न कि सांठगांठ या तिकड़मबाजी के जरिए।

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राहुल गांधी अपनी चार देशों की दक्षिण अमेरिका यात्रा के दौरान कोलंबिया में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वे बजाज पल्सर मोटरसाइकिल के सामने खड़े हैं। उन्होंने लिखा, "बजाज, हीरो और टीवीएस का कोलंबिया में शानदार प्रदर्शन देखकर गर्व महसूस हो रहा है। यह दिखाता है कि भारतीय कंपनियां इनोवेशन के साथ जीत सकती हैं, न कि सांठगांठ से। शानदार काम!"

मेडेलिन में सेमिनार में लोकतंत्र पर जोर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि मौजूदा समय में भारत में "लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला" हो रहा है और यह ऐसा बड़ा जोखिम है जिससे देश को पार पाना होगा। कोलंबिया दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि देश के लिए यह जरूरी है कि विभिन्न परंपराओं को पनपने दिया जाए, क्योंकि "हम चीन जैसा नहीं कर सकते जहां लोगों का दमन किया जाता है और एक अधिनायकवादी व्यवस्था चलाई जाती है"।

राहुल गांधी ने कोलंबिया के मेडेलिन स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में कहा कि चीन की तुलना में भारत की व्यवस्था कहीं अधिक जटिल है और भारत की शक्तियां पड़ोसी देश से बहुत अलग हैं। उन्होंने कहा कि भारत की एक बहुत पुरानी आध्यात्मिक परंपरा और एक विचार प्रणाली है, जिसमें गहरे और उपयोगी विचार शामिल हैं जो आज की दुनिया के लिए लाभकारी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि परंपरा और सोचने के तरीके के मामले में भारत दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "मैं भारत को लेकर बहुत आशावादी हूं, लेकिन साथ ही, भारतीय ढांचे में कुछ कमियां भी हैं, कुछ जोखिम भी हैं जिनसे भारत को पार पाना होगा। सबसे बड़ा जोखिम भारत में लोकतंत्र पर हो रहा हमला है।" राहुल गांधी ने कहा, "भारत में कई धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं। भारत वास्तव में अपने सभी लोगों के बीच एक संवाद वाला देश है। विभिन्न विचारों, धर्मों और परंपराओं के लिए स्थान होना आवश्यक है। उस स्थान को बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है।"

उन्होंने आरोप लगाया, "वर्तमान में, भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है, इसलिए यह एक जोखिम है। दूसरा बड़ा जोखिम है विभिन्न विचारधाराएं -- विभिन्न धर्म, विभिन्न भाषाएं। इन विभिन्न परंपराओं को फलने-फूलने देना, उन्हें खुद को व्यक्त करने के लिए स्थान देना भारत जैसे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम वह नहीं कर सकते जो चीन करता है, यानी लोगों का दमन करना और एक अधिनायकवादी व्यवस्था चलाना।"

कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया, "हमारा (राष्ट्रीय) स्वरूप इसे स्वीकार नहीं करेगा।" दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के चार देशों का दौरा कर रहे राहुल गांधी ने कोलंबियाई राष्ट्रपति सीनेट लिडियो ग्रासिया से भी मुलाकात की। कांग्रेस नेता ने दुनिया में ध्रुवीकरण की चुनौती से जुड़े सवाल पर कहा, "...उदाहरण के लिए, अधिकांश लोग, जो ट्रंप के साथ अमेरिका में ध्रुवीकरण पैदा कर रहे हैं, वे लोग हैं जिन्होंने विनिर्माण के कारण अपनी नौकरियां खो दीं।"

उनका कहना था, "चीन ने दुनिया को दिखाया है कि आप गैर-लोकतांत्रिक व्यवस्था में उत्पादन का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते। हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था हैं। चुनौती यह है कि क्या हम चीन की तरह विनिर्माण विकसित कर सकते हैं लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर रह कर।”

राहुल गांधी ने मौजूदा दुनिया में विनिर्माण क्षेत्र में चीन के दखल और अमेरिका आर्थिक एवं सैन्य वर्चस्व को मिल रही चुनौतियों का उल्लेख किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत को लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हुए उत्पादन में चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पिछले कुछ दशकों में बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रगति की है और सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ, लेकिन अब भी व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर नहीं बनने का मुख्य कारण विनिर्माण में प्रगति का धीमा होना है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘...बहुत से लोग कहते हैं कि एआई चीजों में क्रांति ला देगा, लेकिन ताकत उन लोगों के हाथ में होगी जो डेटा को नियंत्रित करते हैं।" उनके मुताबिक, "दुनिया के हमारे हिस्से में" अमेरिका गूगल और व्हाट्सएप जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों के माध्यम से डेटा को नियंत्रित करता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि वह नहीं मानते कि एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से सिर्फ नौकरियां खत्म होंगी क्योंकि इससे नयी नौकरियों का सृजन भी होगा, लेकिन उसके लिए तैयार रहना होगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कम्प्यूटर के आने के समय भी इसी तरह की आशंका जताई गई थी, लेकिन फिर नयी नौकरियां पैदा हुईं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि दुनिया बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है, लेकिन जिन देशों ने सही दिशा में ऊर्जा लगाई है, उनके लिए अवसर भी पैदा होंगे। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भारत खुद को दुनिया के नेतृत्वकर्ता के रूप में नहीं देखता, बल्कि एक बड़ा देश होने के नाते साझेदारी में विश्वास करता है। उनका कहना था, "हम इतने अहंकारी नहीं हैं कि यह मानें कि हमें दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए। यह विचार कि भारत को दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए, भारत खुद को इस तरह नहीं देखता है, शायद चीन अपने बारे में इस तरह सोचता है।"

उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर भी निशाना साधा। राहुल गांधी ने दावा किया, "भारत सरकार दो नीतियां लेकर आई। पहली-हमारी मुद्रा का विमुद्रीकरण (नोटबंदी), जिसने छोटे और मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर दिया और एकाधिकार वाली व्यवस्था को हमारी अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करने का अवसर दे दिया। दूसरी नीति जीएसटी थी, जिसे फिर से मध्यम और छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।"

उन्होंने कहा, ‘‘छोटे व्यवसायों का सहयोग करना ही उद्यमशीलता के लिए आगे बढ़ने का रास्ता है, और यही हमारे और सत्ता में बैठे लोगों के बीच का अंतर है जो मानते हैं कि कुछ एकाधिकार वाले समूहों को अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी मोदी सरकार की बहुत बड़ी विफलता थी। राहुल गांधी ने कहा, "भारत जैसे देश में केवल स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा का निजीकरण करने से काम नहीं चलेगा। हमने इसे आज़माया है, लेकिन यह काम नहीं आया। कम से कम मैं और मेरी पार्टी इन क्षेत्रों में ठोस सरकारी भागीदारी में विश्वास करते हैं। हमारे शीर्ष विश्वविद्यालय सार्वजनिक क्षेत्र के विश्वविद्यालय हैं।"

Amit Kumar

लेखक के बारे में

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अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें
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