
'मैं दोबारा कह रहा, भारत के पास कमजोर प्रधानमंत्री', H-1B वीजा मामले पर राहुल गांधी ने साधा निशाना
संक्षेप: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका पहली बार भारत के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर रहा है। हमारी विदेश नीति कमजोर ही है। हम क्यों कमजोर दिखाई दे रहे हैं?’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की ओर से H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर का शुल्क लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। शनिवार को उन्होंने दावा किया कि भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है। राहुल ने जुलाई, 2017 में एक्स पर किए गए अपने एक पोस्ट को साझा करते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लिया। उस पोस्ट में भी कांग्रेस नेता ने नरेंद्र मोदी पर कमजोर प्रधानमंत्री होने का आरोप लगाया था। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया, ‘मैं इस बात को दोहराता हूं, भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है।’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'अमेरिका पहली बार भारत के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर रहा है। हमारी विदेश नीति कमजोर ही है। हम क्यों कमजोर दिखाई दे रहे हैं? हमारी तैयारी क्या है? कल को और देश ऐसा करेंगे तब हमारी तैयारी क्या है? हमारे देश को आर्थिक रूप से जितना मजबूत दिखाई देना चाहिए था, हम नहीं दिख रहे हैं। हम दूसरे देशों पर निर्भर होते जा रहे हैं। हम खाद के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं। जिस देश के साथ हमारी जमीन को लेकर लड़ाई है, हम लगातार उसके साथ व्यापार बढ़ा रहे हैं।'
आम आदमी पार्टी ने भी साधा निशाना
वीजा मामले को लेकर AAP दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'भारत के करीब 71% लोग हैं जो H-1B वीजा पर अमेरिका में काम करते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी कीमत 1 लाख डौलर बनाई है जो करीब 90 लाख रुपए बनती है। यह इसलिए ताकि कोई भी कंपनी आसानी से किसी भारतीय को H-1B वीजा पर हायर न कर सके।' बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ गैर आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर रोक संबंधी सरकारी आदेश पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। इस फैसले के तहत उन कामगारों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी, जिनके एच1बी आवेदन के साथ 1 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान नहीं किया गया होगा।





