राजीव गांधी से ज्यादा बुद्धिमान हैं राहुल गांधी, रणनीति बनाने में भी बेहतर : सैम पित्रोदा
- सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि वह अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा बुद्धिमान हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत की अवधारणा के संरक्षक हैं। पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी पूर्व पीएम राजीव गांधी से ज्यादा बुद्धिमान हैं और रणनीति बनाने के मामले में भी उनसे बेहतर हैं।
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि वह अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा बुद्धिमान हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत की अवधारणा के संरक्षक हैं। पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी पूर्व पीएम राजीव गांधी से ज्यादा बुद्धिमान हैं और रणनीति बनाने के मामले में भी उनसे बेहतर हैं। पित्रोदा ने जोर देकर कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं। ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पित्रोदा ने भाजपा के इन आरोपों को ‘झूठा’ करार देते हुए खारिज किया कि राहुल ने अपनी पिछली विदेश यात्राओं के दौरान भारत सरकार की आलोचना करने वाली टिप्पणियां की थीं।
राहुल गांधी अगले सप्ताह ही अमेरिका जा रहे हैं। पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी यहां आधिकारिक यात्रा पर नहीं आ रहे हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें कैपिटल हिल (अमेरिका का संसद परिसर) में विभिन्न लोगों से ‘व्यक्तिगत स्तर’ पर बातचीत करने का मौका मिलेगा। पित्रोदा ने कहा, 'राहुल निश्चित तौर पर राष्ट्रीय प्रेस क्लब में प्रेस के साथ बातचीत करेंगे, वह थिंक टैंक के लोगों से मिलेंगे और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में लोगों से मुखातिब होंगे, जिसका वाशिंगटन डीसी में भी उतना ही महत्व है।'
राहुल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने के बाद पहली बार अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे। वह आठ से 10 सितंबर तक अमेरिका में होंगे, जिस दौरान वह जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय और टेक्सास यूनिवर्सिटी में लोगों के साथ संवाद करने के साथ ही वाशिंगटन डीसी और डलास में कई महत्वपूर्ण बैठकें करेंगे। राजीव गांधी और राहुल गांधी के बीच समानताओं और अंतर के बारे में पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा कि उन्होंने राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह, वीपी सिंह, चंद्र शेखर और एचडी देवेगौड़ा सहित कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है।
उन्होंने कहा, 'मुझे कई प्रधानमंत्रियों के साथ बहुत करीब से काम करने का मौका मिला, लेकिन राहुल और राजीव के बीच अंतर शायद यह है कि राहुल कहीं अधिक बुद्धिमान और बेहतर रणनीतिकार हैं। राजीव काम करने में ज्यादा यकीन रखते थे। दोनों का डीएनए एक जैसा है, लोगों के लिए उनकी चिंताएं एवं भावनाएं समान हैं, वे वास्तव में सभी के लिए ‘बेहतर भारत’ बनाने में विश्वास करते हैं, वे वास्तव में सरल लोग हैं। उनकी कोई बड़ी निजी महत्वाकांक्षाएं नहीं हैं।'
इसके बाद पित्रोदा ने राहुल की तारीफ करते हुए कहा, 'राहुल अपने पिता राजीव से बेहतर रणनीतिकार हैं। दोनों अलग दौर के नेता हैं, जिन्होंने अलग मुद्दों का सामना किया और जिनके अनुभव भी अलग हैं। बेचारे राहुल को जीवन में दो बड़े झटके (अपनी दादी और अपने पिता की मौत) झेलने पड़े। इसलिए उनके सामने अलग चुनौतियां रही हैं।' उन्होंने कहा कि राहुल और राजीव के सिद्धांत एकदम स्पष्ट रहे हैं, दोनों “भारत की उस अवधारणा के संरक्षक” हैं, जिसकी कल्पना कांग्रेस ने की थी और पार्टी का हर नेता उस पर यकीन करता था।
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