Punjab Sikh man deported form USA tells the horrific story says they took our turban पगड़ी भी उतरवा ली, मांगने पर मिलता ऐसा जवाब; अमेरिका से लौटे सिख युवक ने बयां किया दर्द, India Hindi News - Hindustan
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पगड़ी भी उतरवा ली, मांगने पर मिलता ऐसा जवाब; अमेरिका से लौटे सिख युवक ने बयां किया दर्द

  • अमेरिका से निर्वासित भारतीय अपना दर्द बयां कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक सिख युवक ने कड़वी सच्चाई बयां की है। यह युवक है 21 साल का जसविंदर सिंह। उसने बताया कि हिरासत में लेते ही अमेरिकी अधिकारियों ने उसकी पगड़ी उतार ली।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, अमृतसरMon, 17 Feb 2025 09:29 AM
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पगड़ी भी उतरवा ली, मांगने पर मिलता ऐसा जवाब; अमेरिका से लौटे सिख युवक ने बयां किया दर्द

अमेरिका से निर्वासित भारतीय अपना दर्द बयां कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक सिख युवक ने कड़वी सच्चाई बयां की है। यह युवक है 21 साल का जसविंदर सिंह। उसने बताया कि हिरासत में लेते ही अमेरिकी अधिकारियों ने उसकी पगड़ी उतार ली। इसके बाद उसे पगड़ी लौटाई नहीं गई। जब भी वह अपनी पगड़ी वापस मांगता था तो एक ही जवाब मिलता था। अगर तुमने पगड़ी का इस्तेमाल करके फांसी लगा ली तो कौन जवाब देगा? आखिर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद ही वह वापस पगड़ी पहन पाया। यह दर्द बयां किया है 21 साल के जसविंदर सिंह ने। जसविंदर मोगा जिले के धरमकोट स्थित पंडोरी एरियन गांव के रहने वाले हैं।

कुछ बेचा, कुछ गिरवी
जसविंदर ने बताया कि अमेरिका जाने का सपना पूरा करने के लिए उसने अपने परिवार की जमीनें बेच दीं। इसके अलावा अपना दो कमरों का घर गिरवी रख दिया। इतना ही नहीं, भैसों को बेचकर 44 लाख रुपए जुटाए गए और यह सारा पैसा एजेंट को दिया गया। जसविंदर ने 27 जनवरी को अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर क्रॉस किया था। अमेरिका अधिकारियों ने उसे करीब 20 दिन तक हिरासत में रखा था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जसविंदर ने बताया कि डिटेंशन सेंटर पर ले जाते ही अधिकारियों ने उसके सारे कपड़े उतरवा लिए। इस दौरान उसकी पगड़ी भी उतरवा ली गई। जसविंदर के मुताबिक उन्हें केवल टी शर्ट, लोअर, मोजे और जूते पहनने की इजाजत थी। यहां तक कि जूतों के फीते भी निकाल लिए गए थे। जसविंदर ने बताया कि सभी सिख युवकों की पगड़ियां उतरवा ली गई थीं। अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उनका सामान वापस मिला और उन्होंने पराना से अपना सिर ढंका।

परिवार की मदद का था इरादा
जसविंदर ने बताया कि वह अमेरिका जाकर अपने परिवार की मदद करना चाहता था। उसके पिता दिल के मरीज हैं और अब काम नहीं कर सकते। लेकिन अब हालात और बुरे हो गए हैं। जसविंदर के परिवार के ऊपर अब 44 लाख रुपए का कर्ज है और उसे बिल्कुल भी आइडिया नहीं है कि इसे कैसे चुकाया जाए। जसविंदर केवल दसवीं पास है। उसने पिछले साल दिसंबर में घर छोड़ा था। दिल्ली से निकलने के बाद सबसे पहले वह प्राग पहुंचा। स्पेन, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला और मेक्सिको होता हुआ जसविंदर अमेरिकी सीमा पर पहुंचा। उसने बताया कि वह 26 जनवरी को ही सीमा पर पहुंच गया था। तेज बारिश के चलते एजेंट ने तय किया कि सीमा पार 27 जनवरी को होगा। लेकिन वहां चंद मिनटों में ही उसे पकड़ लिया गया।

मेरे पैसे वापस चाहिए
जसविंदर ने आगे बताया कि मेरे एजेंट ने वादा किया था कि वह डिटेंशन सेंटर से मेरी जमानत करा देगा। लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया। अब मुझे मेरे पैसे वापस चाहिए। पंजाब सरकार को चाहिए कि मेरे पैसे वापस दिलाए। जसविंदर ने डिटेंशन सेंटर में मानसिक उत्पीड़न का भी आरोप लगाया। इसके अलावा जिस अमेरिकी सैन्य विमान में उन्हें लाया गया, उसमें भी उन्हें परेशान किया गया। उसने बताया कि फ्लाइट में हमारे हाथ-पैरों में बेड़ियां पड़ी हुई थीं। उसने कहाकि अब उसके पास विदेश जाने के पैसे नहीं हैं। वह अमेरिका तो क्या, किसी देश नहीं जा सकता।