DGP स्तर के अधिकारी की गिरफ्तारी से पहले जांच जरूरी, IPS सुसाइड पर क्या बोले पंजाब के राज्यपाल
पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। उनकी ओर से छोड़े गए अंतिम नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारनिया सहित 8 सीनियर पुलिस अधिकारियों पर जाति-आधारित भेदभाव के आरोप लगाए।

पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या को गंभीर मामला बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। कटारिया ने बताया कि 14-15 अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। हरियाणा सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का ट्रांसफर कर दिया है और डीजीपी शत्रुजीत कपूर की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा कि डीजीपी स्तर के अधिकारी की गिरफ्तारी से पहले सभी तथ्यों की जांच जरूरी है।
चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। उनकी ओर से छोड़े गए अंतिम नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारनिया सहित 8 सीनियर पुलिस अधिकारियों पर जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार के आरोप लगाए गए हैं। उनकी पत्नी व सीनियर आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार ने डीजीपी और एसपी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। इस बीच, दबाव के चलते हरियाणा सरकार ने एसपी बिजारनिया का तबादला कर दिया है।
राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने मांगी रिपोर्ट
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को मृतक अधिकारी के परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद, उन्होंने हरियाणा सरकार से परिवार को न्याय दिलाने की अपील की और कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। इस बीच, पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने पूरण कुमार की आत्महत्या मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और इस संबंध में चंडीगढ़ के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है। आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि उन्होंने चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सागर प्रीत हुड्डा को आत्महत्या मामले, मृतक के अंतिम नोट पर अब तक की गई कार्रवाई और उनकी पत्नी अमनीत कुमार की शिकायत के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।




