Hindi NewsIndia NewsOperation Blue Star was a huge mistake Indira Gandhi had to pay the price with her life P Chidambaram

बहुत बड़ी गलती थी ऑपरेशन ब्लू स्टार, इंदिरा को जान देकर चुकानी पड़ी कीमत; बोले पी चिदंबरम

संक्षेप: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का तरीका बेहद गलत था। उन्होंने कहा कि इसकी कीमत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जान देकर चुकानी पड़ी। 

Sun, 12 Oct 2025 06:22 AMAnkit Ojha लाइव हिन्दुस्तान
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बहुत बड़ी गलती थी ऑपरेशन ब्लू स्टार, इंदिरा को  जान देकर चुकानी पड़ी कीमत; बोले पी चिदंबरम

कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार को एक गलत फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थान पर इस तरह से फौज को भेजकर ऑपरेशन चलाना बेहद गलत था और इसकी कीमत इंदिरा गांधी को जान देकर चुकानी पड़ी। पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब 'दे विल शूट यू मैडम' पर चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने यह बात कही है। बावेजा ने अपनी किताब में लिखा था कि इंदिरा गांधी को ऑपरेशन ब्लू स्टार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। पी चिदंबरम से जब इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने भी इसपर सहमति जताई।

पी चिदंबरम ने बावेजा से पूछा, मैं किसी सेना के अधिकारी का अपमान नहीं करता लेकिन जिस तरह से ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया वह बेहद गलत था। सेना को बाहर रखकर भी स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानियों से मुक्त कराया जा सकता था। मैं इस बात से सहमत हूं कि उन्होंने इसकी कीमत जान देकर चुकाई। उन्होंने कहा, यह सरकार से ज्यादा सेना, पुलिस इंटेलिजेंस और नौकरशाही का फैसला था। इसके लिए केवल इंदिरा गांधी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि पंजाब में मुख्य समस्या अर्थव्यवस्था की है। उन्होंने कहा, मुझे यही लगता है कि पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादियों की समस्या आंशिक रूप से खत्म हो गई है। अब असली दिक्कत है आर्थिक स्थिति की।

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार

15 दिसंबर 1983 को कट्टरपंथी भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर में अपने हथियारबंद साथियों के साथ कब्जा जाम लिया था। उसने अकालतख्त पर भी कब्जा कर लिया। यहीं से सिख धर्म के लिए हुक्मनामे जारी होते हैं। भिंडरावाले सीधा दिल्ली सरकार को चुनौती दे रहा था। उसका कहना था कि हिंदू पंजाब छोड़कर चले जाएं। इसके बाद 5 जून 1984 की शाम को सेना ने स्वर्ण मंदिर में कार्रवाई शुरू की। रातभर गोलीबारी चलती रही। 6 जून को भी सुबह से शाम तक गोलीबारी होती रही। इसके बाद रात में जरनैल सिंह भिंडरावाले की लाश मिली और फिर ऑपरेशन बंद किया गया।

Ankit Ojha

लेखक के बारे में

Ankit Ojha
अंकित ओझा पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंकित ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक के बाद IIMC नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर कार्य करने का उनके पास अनुभव है। इसके अलावा बिजनेस और अन्य क्षेत्रों की भी समझ रखते हैं। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी और उर्दू का भी ज्ञान है। डिजिटल के साथ ही रेडियो और टीवी के लिए भी काम कर चुके हैं। और पढ़ें
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