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'आई लव मोहम्मद' लिखना कैसे गैरकानूनी, बवाल के बीच उमर अब्दुल्ला ने पूछा सवाल

'आई लव मोहम्मद' लिखना कैसे गैरकानूनी, बवाल के बीच उमर अब्दुल्ला ने पूछा सवाल

संक्षेप: उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन तीन शब्दों पर मुकदमा दायर करने का मतलब जरूर कोई मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि अदालतें इसे जल्द से जल्द ठीक करें और पूछा कि 'आई लव मोहम्मद' लिखना कैसे गैरकानूनी हो सकता है।

Wed, 24 Sep 2025 02:44 PMMadan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम व्यक्त करने के अधिकार का जोरदार बचाव किया और सवाल उठाया कि कैसे तीन साधारण शब्दों 'आई लव मोहम्मद' को गैरकानूनी माना जा सकता है। उन्होंने अदालतों से इस पर तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया। यह विवाद 9 सितंबर को शुरू हुआ, जब कानपुर पुलिस ने 4 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान सार्वजनिक सड़क पर कथित तौर पर 'आई लव मोहम्मद' लिखे पोस्टर लगाने के आरोप में नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे नया चलन बताया और दावा किया कि यह जानबूझकर उकसाने वाला कदम है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सोशल मीडिया पर यह पोस्ट करने के बाद कि आई लव मोहम्मद कहना कोई अपराध नहीं है, इस मुद्दे ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन तीन शब्दों पर मुकदमा दायर करने का मतलब जरूर कोई मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि अदालतें इसे जल्द से जल्द ठीक करें और पूछा कि 'आई लव मोहम्मद' लिखना कैसे गैरकानूनी हो सकता है।

उन्होंने कहा, "किसी को इसे लिखने पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए? इन तीन शब्दों से किसे आपत्ति हो सकती है? मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इन तीन शब्दों को लिखने पर गिरफ्तारी कैसे हो सकती है। इन तीन शब्दों पर मुकदमा दायर करने का मतलब जरूर कोई मानसिक रूप से अस्वस्थ है। मैं चाहता हूं कि अदालतें इसे जल्द से जल्द ठीक करें। 'आई लव मुहम्मद' लिखना कैसे गैरकानूनी है?" अब्दुल्ला ने कहा कि भले ही यह किसी खास धर्म से जुड़ा हो, 'आई लव मुहम्मद' लिखना कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए, क्योंकि दूसरे धर्मों के लोग भी अपने गुरुओं या देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

बता दें कि यूपी के कानपुर में आई लव मोहम्मद के पोस्टर लगाने के बाद एफआईआर दर्ज होने से विवाद पैदा हो गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कई राज्यों में इस तरह के पोस्टर लगाए। उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। इस बीच, यूपी के बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के नेता नफीस का एक विवादास्पद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह घटना उस समय की है जब यहां किला थाना क्षेत्र में 'आई लव मोहम्मद' लिखे पोस्टर हटा दिए गए। वीडियो में नफीस किला थाने के प्रभारी (एसएचओ) सुभाष कुमार को कथित तौर पर धमकाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो पोस्टर हटाने के लिए मौके पर पहुंचे थे। कुमार पुलिस टीम के साथ क्षेत्र में लगे ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर हटवाने पहुंचे। इस दौरान स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और पुलिस से कहासुनी शुरू हो गई। इसी बीच आईएमसी नेता डॉ. नफीस भी मौके पर पहुंच गए। वीडियो में नफीस को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "मैंने निरीक्षक से कहा कि मैं उसका हाथ काट दूंगा... मैं उसकी वर्दी उतरवा दूंगा।"

Madan Tiwari

लेखक के बारे में

Madan Tiwari

लखनऊ के रहने वाले मदन को डिजिटल मीडिया में आठ साल से अधिक का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान में यह दूसरी पारी है। राजनीतिक विषयों पर लिखने में अधिक रुचि है। नेशनल, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स, यूटीलिटी, एजुकेशन समेत विभिन्न बीट्स में काम किया है। लगभग सभी प्रमुख अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर 200 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। खाली समय में लॉन टेनिस खेलना पसंद है।

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