Hindi NewsIndia NewsOfficials feel relieved opposition suffers loss Kiren Rijiju on repeated stalling of Parliament
अधिकारी राहत महसूस करते हैं, विपक्ष को ही घाटा; संसद बार-बार ठप्प होने पर किरेन रिजिजू

अधिकारी राहत महसूस करते हैं, विपक्ष को ही घाटा; संसद बार-बार ठप्प होने पर किरेन रिजिजू

संक्षेप: Kiren Rijiju: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के ठप्प होने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संसद के ठप्प होने से विपक्ष सरकार को जवाबदेह ठहराने का मौका खो देता है। सवाल कम होते हैं तो अधिकारी भी राहत महसूस करते हैं।

Sat, 26 July 2025 05:10 PMUpendra Thapak लाइव हिन्दुस्तान
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मॉनसून सत्र में संसद के बार-बार ठप्प होने को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इसके ठप्प हो जाने से सरकार से ज्यादा विपक्ष का नुकसान है, क्योंकि वह सरकार को जवाबदेह ठहराने का महत्वपूर्ण मौका खो देते हैं। केंद्रीय मंत्री की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब मानसून सत्र के पहले हफ्ते में विपक्षी सांसदों के बार-बार विरोध प्रदर्शन के कारण कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका है।

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एक निजी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए रिजिजू ने बताया कि संसद ठप्प होने पर कैसे अधिकारी राहत महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, "मैं आपको बता दूं कि जब संसद नहीं चलती तो अधिकारी राहत महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें सवालों से छुटकारा मिल जाता है। संसद में सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। जब सदन चलता है, तो मंत्रियों को कठिन सवालों का सामना करना पड़ता है। जब सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट में स्थगित हो जाती है, तो वे सवाल भी नहीं उठते। संसद की कार्यवाही बाधित होने से सरकार से अधिक नुकसान विपक्ष को होता है।’’

रिजिजू ने आगे कहा, "सदन की कार्यवाही बाधित करने वालों को लगता है कि वे सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन वास्तव में, वे लोकतंत्र में अपनी भूमिका को कमजोर कर रहे होते हैं।"

संसदीय जवाबदेही के महत्व पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी लोकतंत्र में, सरकार को संसद के माध्यम से जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। इसलिए, एक सुचारू लोकतंत्र के लिए सदन की कार्यवाही चलने देना जरूरी है।"

हमारे बीच में कोई शत्रुता नहीं: रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद सदस्यों के साथ अपने अनुभव को लेकर कहा कि उन्होंने विपक्षी सांसदों को कभी भी अपना दुश्मन नहीं माना। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी सहयोगी हैं। 2014 से पहले, मेरा ज़्यादातर संसदीय जीवन विपक्ष की तरफ बीता है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता हो सकती है, लेकिन शत्रुता नहीं है।’’

रिजिजू ने कहा कि विकसित देशों के सांसदों की तुलना में भारतीय जनप्रतिनिधियों पर अनुचित बोझ है। उन्होंने कहा, ‘‘वहां एक सांसद लगभग 66,000 लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। यहां यह संख्या 20 लाख से ज़्यादा है। उनसे नालियों की मरम्मत या किसी को जेल से बाहर निकालने के लिए नहीं कहा जाता। लेकिन हमारे सांसद व्यक्तिगत शिकायतों, बुनियादी ढांचे और कानून प्रवर्तन के मुद्दों से निपटते हैं और उनसे सदन में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद की जाती है।’’

आपको बता दें संसदीय कार्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब मॉनसून सत्र के शुरुआती 4 दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए हैं। विपक्ष लगातार ऑपरेशन सिंदूर, बिहार मतदाता सूची में परिवर्तन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के टकराव के बीच संसद लगातार ठप्प है।

Upendra Thapak

लेखक के बारे में

Upendra Thapak
उपेन्द्र पिछले कुछ समय से लाइव हिन्दुस्तान के साथ बतौर ट्रेनी कंटेंट प्रोड्यूसर जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता की पढ़ाई भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली (2023-24 बैच) से पूरी की है। इससे पहले भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से अपना ग्रैजुएशन पूरा किया। मूल रूप से मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, राजनीति के साथ-साथ खेलों में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें
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