Notorious gangster Bhagappa Harijan killed assailants attacked in Vijayapura Karnataka कुख्यात गैंगस्टर भगप्पा हरिजन का खौफनाक अंत, फिर सुर्खियों में भीमा नदी घाटी, India Hindi News - Hindustan
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कुख्यात गैंगस्टर भगप्पा हरिजन का खौफनाक अंत, फिर सुर्खियों में भीमा नदी घाटी

  • भगप्पा हरिजन, 1990 के दशक के कुख्यात गैंगस्टर चंदप्पा हरिजन का करीबी रिश्तेदार और सहयोगी था। चंदप्पा की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद भगप्पा ने गैंग की कमान संभाल ली थी।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, विजयपुराWed, 12 Feb 2025 08:25 PM
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कुख्यात गैंगस्टर भगप्पा हरिजन का खौफनाक अंत, फिर सुर्खियों में भीमा नदी घाटी

उत्तर कर्नाटक के कुख्यात गैंगस्टर भगप्पा हरिजन की मंगलवार रात हत्या कर दी गई। यह वारदात विजयपुरा जिले के गांधी चौक थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मदिना नगर में उनके किराए के घर के पास हुई। पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने तेज धारदार हथियारों से उस पर हमला किया। प्रारंभिक जांच में चार से पांच हमलावरों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विजयपुरा के एसपी लक्ष्मण निम्बर्गी ने बताया, "हमें रात 9:20 बजे घटना की सूचना मिली। जब फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, तो पुष्टि हुई कि भगप्पा की हत्या उनके घर के पास की गई।" उन्होंने कहा कि पुलिस सभी संदिग्ध पहलुओं की जांच कर रही है और अपराधियों की तलाश जारी है।

भगप्पा हरिजन का आपराधिक इतिहास

भगप्पा हरिजन, 1990 के दशक के कुख्यात गैंगस्टर चंदप्पा हरिजन का करीबी रिश्तेदार और सहयोगी था। चंदप्पा की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद भगप्पा ने गैंग की कमान संभाल ली थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, भगप्पा के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम सहित 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि हत्या से पहले उनके घर पर कौन-कौन मौजूद था, क्या बिजली काटी गई थी, और क्या हमलावरों को उसकी गतिविधियों की कोई सूचना मिली थी।

गैंगवार की पुरानी दुश्मनी का नतीजा?

भगप्पा हरिजन का नाम 2000 में चर्चा में आया था, जब उसके रिश्तेदार चंदप्पा हरिजन को महाराष्ट्र पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उसी वर्ष, भगप्पा ने भी पुलिस पर गोली चलाई थी। 2017 में विजयपुरा की सत्र न्यायालय परिसर में उस पर हमला हुआ, लेकिन वह बच गया था और हैदराबाद में इलाज के बाद ठीक हो गया था।

बताया जाता है कि इस हत्या के पीछे सुपारी किलर पीरप्पा हडपद का हाथ हो सकता है, जिसे चंदप्पा के बेटे भीमस्या ने भगप्पा को खत्म करने के लिए कथित रूप से हायर किया था। हालांकि, इसके बाद भगप्पा अंडरवर्ल्ड से दूर होकर आम जिंदगी जीना चाहता था, लेकिन चंदप्पा हरिजन के पूर्व साथियों ने उसे चैन से नहीं रहने दिया।

भीमा नदी घाटी क्षेत्र में गैंगवार का इतिहास

भगप्पा हरिजन की हत्या ने विजयपुरा और कलबुर्गी जिलों में फैले भीमा नदी घाटी क्षेत्र में वर्षों से जारी गैंगवार की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं। 1990 के दशक में चडचन क्षेत्र से शुरू हुआ यह अपराधीकरण उमरानी, अलमेल और अफजलपुर तक फैल गया था। हरिजन गैंग लंबे समय तक हत्या, हथियारों की तस्करी और सुपारी किलिंग जैसे अपराधों में लिप्त रहा। भगप्पा पर अवैध देसी पिस्तौल की तस्करी और भाड़े के हत्यारे मुहैया कराने के आरोप भी लगते रहे हैं। माना जाता है कि स्थानीय राजनेताओं और कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इन गैंगस्टरों के अपराध वर्षों तक बेरोकटोक चलते रहे।

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क्या अब खत्म होगी गैंगवार?

2007 में भगप्पा को पुणे में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह 2024 में विजयपुरा जिला अदालत में हुए हमले में बाल-बाल बच गया था। उसकी हत्या को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। विजयपुरा एसपी कुलदीप कुमार जैन ने इस हत्या को गैंगवार का अंतिम चरण बताया और कहा, "ज्यादातर कुख्यात गैंगस्टर या तो मारे जा चुके हैं या जेल में बंद हैं। आने वाले समय में और खून-खराबे की संभावना कम है।" हालांकि, स्थानीय लोगों को डर है कि यह शांति अस्थायी हो सकती है, क्योंकि पुराने दुश्मन अभी भी जिंदा हैं और प्रतिशोध की भावना बनी हुई है।