Hindi Newsदेश न्यूज़No country has succeeded in this Infosys Narayan Murthy got angry over distribution of freebies

किसी भी देश ने फ्री वाली स्कीमों से कामयाबी नहीं पाई, नारायणमूर्ति ने उठा दिए सवाल

  • इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मुफ्त में चीजें दिए जाने और उनकी लागत पर बहस छिड़ी हुई है।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानThu, 13 March 2025 10:31 AM
share Share
Follow Us on
किसी भी देश ने फ्री वाली स्कीमों से कामयाबी नहीं पाई, नारायणमूर्ति ने उठा दिए सवाल

इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने फ्रीबीज यानी मुफ्त में चीजें बांटने के ट्रेंड की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह से देश नहीं, बल्कि रोजगार के मौके तैयार करने से गरीबी दूर हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्रीबीज कल्चर पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इसके चलते लोग काम करने तैयार नहीं हो रहे हैं।

मूर्ति ने बुधवार को कहा कि मुफ्त की चीजों से गरीबी दूर नहीं होगी, बल्कि यह नवोन्मेषी उद्यमियों के रोजगार तैयार से खत्म होगी। टाइकॉन मुंबई-2025 कार्यक्रम में मूर्ति ने उद्यमियों से अधिक कंपनियां और कारोबार बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर हम नवोन्मेषी उद्यम बनाने में सक्षम हैं, तो गरीबी धूप वाली सुबह में ओस की तरह ‘गायब’ हो जाएगी।

मूर्ति ने उद्यमियों के समूह को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप में से प्रत्येक व्यक्ति सैकड़ों-हजारों नौकरियां पैदा करेगा और इसी तरह आप गरीबी की समस्या का समाधान करेंगे। आप मुफ्त उपहार देकर गरीबी की समस्या का समाधान नहीं कर सकते, कोई भी देश इसमें सफल नहीं हुआ है।'

इन्फोसिस के सह-संस्थापक का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मुफ्त में चीजें दिए जाने और उनकी लागत पर बहस छिड़ी हुई है। बाद में मूर्ति ने स्पष्ट किया कि उन्हें राजनीति या शासन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने नीतिगत ढांचे के नजरिये से कुछ सिफारिशें की हैं।

उन्होंने कहा कि लाभ के बदले में स्थिति में सुधार का आकलन भी किया जाना चाहिए। प्रतिमाह 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली का उदाहरण देते हुए मूर्ति ने कहा कि राज्य ऐसे घरों में छह महीने के अंत में सर्वेक्षण कर यह पता लगाया जा सकता कि बच्चे अधिक पढ़ रहे हैं या नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों बेचे जाने वाले अधिकांश AI समाधान ‘मूर्खतापूर्ण, पुराने कार्यक्रम’ हैं जिन्हें भविष्य के काम के रूप में प्रचारित किया जाता है। एआई में ‘मशीन लर्निंग’ और ‘डीप लर्निंग’ क्षमताएं शामिल हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

अगला लेखऐप पर पढ़ें