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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता कानून सीएए पर सुर बदला, मुसलमानों को दी सावधान रहने और शोषण से बचने की सलाह

नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार से मांग की है कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स एनआरसी को लेकर मुसलमानों की सभी...

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता कानून सीएए पर सुर बदला, मुसलमानों को दी सावधान रहने और शोषण से बचने की सलाह
एजेंसी,नई दिल्लीTue, 24 Dec 2019 07:13 PM
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नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार से मांग की है कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स एनआरसी को लेकर मुसलमानों की सभी आशंकाओं को जल्दी दूर करे और उनको पूरी तरह संतुष्ट करे। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम समाज के लोगों को भी सावधान किया है कि इस मुद्दे की आड़ में कोई उनका राजनीतिक शोषण ना करे। मायावती के मुस्लिमों को सचेत करने वाले बयान से पहले बीजेपी और सरकार के मंत्री कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि सीएए और एनआरसी के नाम पर कांग्रेस लोगों को बरगला और भड़का रही है।

मायावती की पार्टी बीएसपी ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ वोट दिया था और जब वो पास हो गया तो नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए उनकी पार्टी के नेताओँ का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलने गया। लेकिन इस पूरे प्रकरण में मायावती और बीएसपी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष से खुद को अलग रखा है। बीएसपी का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से कांग्रेस के नेतृत्व वाले डेलीगेशन की मुलाकात के एक दिन बाद मिलने गया।

बीएसपी ने लखनऊ या देश के किसी हिस्से में अभी तक एनआरसी या सीएए के खिलाफ चल रहे विपक्षी दलों के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है। यहां तक कि जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने दिल्ली में जामा मस्जिद के पास सीएए विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया तो मायावती ने ट्वीट करके कहा कि ये चुनाव वाले राज्यों में बीएसपी के खिलाफ साजिश के तहत गिरफ्तारी देता है और विपक्षी पार्टियों के हाथों में खेलता है।

नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 6 धर्मों के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न की सूरत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। विपक्ष तब से इसके खिलाफ आंदोलन कर रहा है और कह रहा है कि ये एनआरसी की तरफ पहला कदम है जिसके जरिए बीजेपी सरकार विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने के नाम पर मुसलमानों को परेशान करेगी। देश में अब तक सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिंसा में 24 लोगों की जान जा चुकी है जिसमें सबसे ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से हैं।

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