Hindi NewsIndia NewsMP had committed suicide son moved SC against the High Courts decision plea rejected
सांसद ने कर ली थी खुदकुशी, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ SC पहुंचा बेटा; याचिका खारिज

सांसद ने कर ली थी खुदकुशी, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ SC पहुंचा बेटा; याचिका खारिज

संक्षेप: पूर्व सांसद मोहन डेलकर ने 2021 में खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी जिसे हाई कोर्ट ने रदद् कर दिया। सांसद के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में एफआईआर बहाल करने के लिए याचिका फाइल की थी।

Mon, 18 Aug 2025 03:15 PMAnkit Ojha लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद मोहन डेलकर को 2021 में आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने के मामले में केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल सहित नौ लोगों के खिलाफ सोमवार को एफआईआर बहाल करने से इनकार कर दिया। सीजेआई बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने पटेल सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला रद्द करने संबंधी आठ सितंबर, 2022 के मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली दिवंगत सांसद के बेटे अभिनव डेलकर की अपील खारिज कर दी।

पीठ ने अभिनव की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा, राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और कुछ आरोपियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी की दलीलें सुनने के बाद चार अगस्त को याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। दादरा और नगर हवेली से सात बार सांसद रहे डेलकर की मृत्यु के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वह 2021 में मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे।

उनके कथित सुसाइड नोट में उत्पीड़न और धमकी का विस्तार से विवरण था, जिसके बाद शीर्ष नौकरशाहों और राजनीतिक हस्तियों सहित कई लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई थी। सुनवाई के दौरान पीठ ने इस बात पर विचार किया कि क्या रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री जिसमें कथित 30-पृष्ठ का सुसाइड नोट भी शामिल है, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आरोपों को बनाए रखने के योग्य है।

सीजेआई गवई ने पूछा, ‘क्या उस व्यक्ति के पास सोचने और 30 पन्नों का सुसाइड नोट लिखने का समय था। क्या हम कह सकते हैं कि यह (आत्महत्या) क्षणिक आवेग में हुई थी?’ उन्होंने कहा कि तनाव या उत्पीड़न के प्रति व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं भिन्न हो सकती हैं। सीजेआई ने कहा, ‘कोई संवेदनशील व्यक्ति आत्महत्या कर सकता है, जबकि कठोर हृदय वाला व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता।’

अरोड़ा ने कहा कि घटना के समय डेलकर की मानसिक स्थिति सार्वजनिक अपमान के कारण उत्पन्न गहरे अवसाद की भावना से प्रेरित थी। उन्होंने कहा, ‘‘वह व्यथित थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी सार्वजनिक छवि बर्बाद हो गई है। देखिए उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को क्या लिखा है... उनके परिवार का नाम, रुतबा उनके लिए बहुत मायने रखता है।’

हाई कोर्ट ने आठ सितंबर, 2022 को आरोपियों के खिलाफ ‘कानून के दुरुपयोग को रोकने’’ के वास्ते प्राथमिकी को रद्द करने के लिए इसे एक उपयुक्त मामला माना। इसने यह भी कहा था कि प्राथमिकी की सामग्री और घटना का संदर्भ यह बताने के लिए नाकाफी है कि आरोपियों ने डेलकर को आत्महत्या के लिए उकसाया।

डेलकर (58) दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित एक होटल के कमरे में 22 फरवरी, 2021 को मृत पाए गए थे। मार्च 2021 में डेलकर के बेटे अभिनव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पटेल और आठ अन्य लोगों पर मुंबई पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि आरोपियों के उत्पीड़न के कारण सांसद ने आत्महत्या की, क्योंकि आरोपी उनके द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों पर नियंत्रण करना चाहते थे और उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना चाहते थे। आरोपियों ने पिछले साल प्राथमिकी रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था और दलील दी थी कि मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है।

Ankit Ojha

लेखक के बारे में

Ankit Ojha
अंकित ओझा पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंकित ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक के बाद IIMC नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर कार्य करने का उनके पास अनुभव है। इसके अलावा बिजनेस और अन्य क्षेत्रों की भी समझ रखते हैं। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी और उर्दू का भी ज्ञान है। डिजिटल के साथ ही रेडियो और टीवी के लिए भी काम कर चुके हैं। और पढ़ें
इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।