Hindi Newsदेश न्यूज़more than 5000 money laundering cases registered in 10 years but punishment only 40 cases Government in Lok Sabha

10 साल में दर्ज हुए मनी लॉन्ड्रिंग के 5297 केस, सजा सिर्फ 40 में; संसद में मानी सरकार

  • आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से इस अधिनियम के तहत कम से कम 373 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अधिकांश गिरफ्तारियां बिहार (23), छत्तीसगढ़ (22), झारखंड (53), केरल (13), महाराष्ट्र (43), पश्चिम बंगाल (42) और दिल्ली (90) से हुई हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 7 Aug 2024 11:24 AM
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लोकसभा में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मामलों के निपटारे में सुस्त रफ्तार पर चर्चा हुई और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज मामलों की स्थिति पर चर्चा हुई। इसमें यह बात निकलकर आई कि पिछले 10 वर्षों में PMLA के तहत कुल 5,297 मामले दर्ज हुए लेकिन इनमें से सिर्फ 40 मामलों में ही सजा हो सकी है। PMLA के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज पिछले दशक के मामलों में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी गई । इन मामलों में बरी होने वालों की संख्या सजा पाने वालों की संख्या से दोगुनी से भी ज्यादा है।

हुआ यूं कि हैदराबाद से सांसद और AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गृह मंत्रालय से 2014 के बाद से UAPA और PMLA के तहत दर्ज मामलों, उसमें बरी होने और सजा होने के संबंध में विवरण मांगा था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसका जवाब देते हुए संसद को बताया कि पिछले 10 वर्षों में 2014 से 2024 तक PMLA के तहत कुल 5297 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, इनमें से 40 मामलों में सजा हो चुकी है, जबकि तीन मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

मंत्री ने सदन को वर्षवार ब्यौरा देते हुए कहा कि साल 2014 से 2024 के बीच क्रमश: 195, 148, 170, 171, 146, 188, 708, 1,166, 1,074, 934 और 397 मामले दर्ज किए गए लेकिन इतने सालों में सिर्फ 40 मामलों में ही सजा हो सकी है। मंत्री द्वारा बताए गए आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि 2019 में दूसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से PMLA के तहत केस दर्ज करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी तेजी दिखाई है और 2019 तक जहां दर्ज मामलों की संख्या200 से नीचे थी वह अचानक बढ़कर 700 के पार हो गई। 2021 में तो सर्वाधिक 1166 मामले दर्ज किए गए हैं। 2022 में भी 1074 मामले ईडी ने दर्ज किए।

आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से इस अधिनियम के तहत कम से कम 373 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अधिकांश गिरफ्तारियां बिहार (23), छत्तीसगढ़ (22), झारखंड (53), केरल (13), महाराष्ट्र (43), पश्चिम बंगाल (42) और दिल्ली (90) से हुई हैं।

विपक्षी दलों ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के प्रावधानों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार विरोधियों को निशाना बनाने के लिए इसका दुरुपयोग कर रही है। यह अधिनियम 2002 में अधिनियमित किया गया था और 1 जुलाई 2005 से लागू किया गया था। UAPA के तहत भी इसी तरह से एजेंसियों ने काम किया है। 2014 के बाद से UAPA के तहत 8,719 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 222 मामलों में सजा हुई है, जबकि 567 केस में बरी किए गए हैं।

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