मोदी-ट्रंप की दोस्ती से भारत को हुआ घाटा, टैरिफ तनाव के बीच पीएम पर भड़के खरगे
Kharge: कांग्रेस सांसद ने कहा कि पीएम मोदी को यह समझना चाहिए कि भारत की विदेश नीति हमेशा से तटस्थता की रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती ने भारत का घाटा कराया है।

अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर बना हुआ है। रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी और ट्रंप की दोस्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी दोस्ती ने भारत को काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि इनके गठबंधन ने देश को विदेश में कमजोर और घरेलू स्तर पर विभाजित कर दिया है।
बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने टैरिफ तनाव को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "ट्रंप और मोदी दोस्त हो सकते हैं... लेकिन इससे मोदी देश के दुश्मन बन गए हैं। उन्होंने माहौल बिगाड़ दिया है... इनके दोस्त ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है। उन्होंने हमारे लोगों को बर्बाद कर दिया है। देश के सामने आपकी (पीएम मोदी) दोस्ती कहीं नहीं ठहरती।"
विदेश नीति में तटस्थता को नहीं माना: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृ्त्व वाली सरकार लंबे समय से चली आ रही तटस्थता वाली विदेश नीति से भटक गई है। उन्होंने कहा, “मोदी को यह समझने की जरूरत है कि भारत की विदेश नीति दशकों से तटस्थता पर आधारित रही है और इसी रास्ते पर उसे चलते रहना चाहिए।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने चीन से जारी सीमा विवाद के दौरान पीएम मोदी की तरफ से दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वह कहते थे कि सीमा में कोई नहीं घुसा। अब वह खुद ही चीनी की सीमा में घुस गए हैं। यह दौरा उनकी कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "ऐसे विरोधाभासी बयान भारत की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं और जिससे दुनिया को गलत संकेत मिलते हैं।”
निजी दोस्ती से नहीं चलती विदेश नीति: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी की कूटनीतिक शैली पर भी निशाना साधा। पीएम के ट्रंप को बार-बार दोस्त कहने के तरीके को आड़े हाथों लेते हुए खरगे ने कहा कि इस तरह के व्यक्तिगत अनुमानों ने भारत की विदेशों और घरेलू स्तर दोनों में गलत धारणा बनाई है। उन्होंने कहा, "भारत की विदेश नीति व्यक्तिगत मित्रता से तय नहीं की जा सकती।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा तैयार की गई भारत की गुटनिरपेक्ष नीति को याद करते हुए कहा कि इसने देश को दशकों तक वैश्विक सम्मान और रणनीतिक स्थान दिलाया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मौजूदा सरकार उस दृष्टिकोण को जारी रखती तो हमें वर्तमान की जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ता।”
खरगे ने रूस को एक दीर्घकालिक साझेदार मानते हुए इस बात पर बल दिया कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र, व्यावहारिक और राष्ट्रीय हित पर आधारित होनी चाहिए न कि निजी स्वार्थों या चुनाव के समय की बयानबाजी से प्रभावित होनी चाहिए।




