मोदी के चावल ही पक्की बात; कर्नाटक सरकार के इंदिरा किट वाले फैसले पर BJP का तंज
संक्षेप: Karnataka: कर्नाटक सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को 5 किलो चावल की जगह पर इंदिरा किट देने का फैसला किया है। इस किट में मोटे अनाज, नमक और खाद्य तेल शामिल होगा।

कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार के एक फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसना शुरू कर दिया है। दरअसल, सरकार ने राज्य में लाभार्थियों को मिलने वाले 5 किलो चावल की जगह पर इंदिरा किट देना शुरू कर दिया है। इस किट में अनाज, नमक और खाद्य तेल शामिल होगा। सरकार के इस फैसले का मजाक उड़ाते हुए भाजपा ने कहा कि यह सिद्ध हुआ कि केवल पीएम मोदी के चावल ही ऐसे हैं, जिसकी लोगों को गारंटी है।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक यह फैसला लिया गया है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कार्डधारकों को अब से चावल के बदले में हरा चना, तूअर दाल, चीनी, नमक और खाद्य तेल वाला एक किट मिलेगा। राज्य सरकार की तरफ से इस बदलाव के लिए पीडीएस चावल के दुरुपयोग को वजह बताया। इसके अलावा, सरकार ने कहा कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि लाभार्थी चावल के बजाय दाल, चीनी और खाद्य तेल आदि को प्राथमिकता दे रहे हैं।
आपको बता दें कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में पांच चुनावी वादों के दम पर भारी जीत हासिल की थी। इसमें सबसे बड़ा वादा कम आय वाले परिवारों को 10 किलो चावल मुफ्त देना शामिल है। कर्नाटक में ऐसे करीब 4.5 करोड़ परिवार हैं।
कर्नाटक सरकार के इस फैसले को भाजपा ने अन्न भाग्य योजना की विफलता करार दिया है। सोशल मीडिया साइट पर पार्टी की तरफ से लिए गए एक पोस्ट में कहा गया, “5 किलो चावल का वादा कांग्रेस पार्टी का एक दिखावा मात्र है। पीएम मोदी द्वारा दिया जा रहा है 5 किलो चावल ही कन्नड़ लोगों के लिए एक निश्चित चीज है, जबकि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार द्वारा दिया गया 10 किलो चावल का वादा अब बेकार हो गया है!”





