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राष्ट्र-विरोधी, म्यांमार समर्थक है पार्टी; भाजपा ने अपने ही सहयोगी दल पर क्यों बोला हमला? समझिए

  • मई 2023 में मणिपुर में शुरू हुए जातीय संघर्ष के दौरान एमएनएफ ने मणिपुर के कुकी समुदाय के समर्थन में आवाज उठाई थी। मिजो और कुकी समुदाय के बीच गहरे जातीय संबंध हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, इंफालFri, 29 Nov 2024 09:34 PM
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मणिपुर की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पर निशाना साधते हुए उसे "राष्ट्र-विरोधी पार्टी" करार दिया है। यह आरोप उस समय आया जब एमएनएफ ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की। सरकार ने यह भी दावा किया कि मिजोरम भारत-म्यांमार सीमा के जरिए अवैध हथियार, गोला-बारूद और ड्रग्स की तस्करी का प्राथमिक रास्ता बन गया है। बता दें कि एमएनएफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) का हिस्सा है। एमएनएफ मिजोरम में मुख्य विपक्षी दल है। मिजोरम में वर्तमान में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की सरकार है।

मणिपुर संकट और एमएनएफ का पक्ष

मई 2023 में मणिपुर में शुरू हुए जातीय संघर्ष के दौरान एमएनएफ ने मणिपुर के कुकी समुदाय के समर्थन में आवाज उठाई थी। मिजो और कुकी समुदाय के बीच गहरे जातीय संबंध हैं, और मिजोरम सरकार ने मणिपुर के मैतेई समुदाय के खिलाफ संघर्ष में कुकी समुदाय का समर्थन किया है। मणिपुर सरकार ने एक विस्तृत बयान जारी करते हुए एमएनएफ पर "मणिपुर के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप" और "राष्ट्र-विरोधी प्रचार" का आरोप लगाया। बयान में कहा गया, "एमएनएफ ने भारत सरकार द्वारा म्यांमार के साथ खुली सीमा पर बाड़ लगाने के प्रयासों का लगातार विरोध किया है। मणिपुर में अवैध आप्रवासन और ड्रग्स की समस्या म्यांमार से उत्पन्न होती है।"

कुकी-चिन राष्ट्र का मुद्दा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि कुकी-चिन समुदाय एक "कुकी-चिन राष्ट्र" बनाने की योजना पर काम कर रहा है। बयान में कहा गया, "यह योजना म्यांमार, भारत और बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों को मिलाकर एक अलग राष्ट्र बनाने की है। इस एजेंडे को किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा।"

मिजोरम और म्यांमार शरणार्थी मुद्दा

मिजोरम सरकार ने म्यांमार से आए शरणार्थियों के लिए दरवाजे खोले हैं क्योंकि उनका जातीय संबंध कुकी-जो समुदाय से है। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने म्यांमार से आए लोगों को समर्थन देते हुए मणिपुर सरकार की आलोचना की है। मणिपुर सरकार ने दावा किया कि उसके "ड्रग्स के खिलाफ युद्ध" से मणिपुर में ड्रग्स की तस्करी में कमी आई है, लेकिन अब मिजोरम अंतरराष्ट्रीय तस्करी का नया रास्ता बन गया है।

एमएनएफ की मांग

एमएनएफ ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए कहा, "मणिपुर में जोफाते (कुकी-जोमी समुदाय) के लोगों को झेलनी पड़ी पीड़ा अब असहनीय हो गई है। मुख्यमंत्री की निष्क्रियता और सत्ता के दुरुपयोग ने स्थिति को और खराब कर दिया है।" एमएनएफ के राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने भी बीरेन सिंह को हटाने और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

सरकारों के बीच तीखी तकरार

मणिपुर सरकार के बयान में मिजोरम सरकार पर मादक पदार्थों के व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई और कहा गया कि अगर मिजोरम को मदद चाहिए, तो मणिपुर सहायता प्रदान करेगा। यह विवाद पूर्वोत्तर राज्यों के बीच गहराते तनाव और जातीय संघर्ष के गंभीर परिणामों को उजागर करता है।

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