Hindi Newsदेश न्यूज़Midnight attack on Kolkata RG Kar Hospital during agitation triggers crisis

जहां हुई ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी वहां घुसी गुस्साई भीड़, आरजी कर अस्पताल में आधी रात जमकर तोड़फोड़

  • हमलावरों ने आपातकालीन वार्ड को भी नहीं छोड़ा। वहां रखी दवाइयों को भी नष्ट कर दिया। पुलिस ने कथित तौर पर कई दिशाओं से आई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बीच-बीच में लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।

हिन्दुस्तान टाइम्स Thu, 15 Aug 2024 12:29 AM
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कोलकाता का आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद सुर्खियों में है। 9 अगस्त को हुई इस दर्दनाक घटना के बाद देशभर में आंदोलन और प्रदर्शन जारी है। इस बीच, गुरुवार को रात करीब 12.40 बजे अज्ञात लोगों के एक बड़े समूह ने अस्पताल में घुसकर उसकी संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया। आपको बता दें कि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत के आदेश पर दिन में ही शुरू कर दी थी।

हमलावरों ने आपातकालीन वार्ड को भी नहीं छोड़ा। वहां रखी दवाइयों को भी नष्ट कर दिया। पुलिस ने कथित तौर पर कई दिशाओं से आई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बीच-बीच में लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। अधिकारियों ने बताया कि कई पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इलाके में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, "आंदोलन स्थल और अस्पताल की सुरक्षा कर रहे कई पुलिसकर्मी ईंट-पत्थरों से घायल हो गए।"

पुलिस ने सुबह 4 बजे तक यह नहीं बताया कि उसके कितने कर्मी घायल हुए या कितने उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि करीब एक घंटे तक चले उत्पात में उनमें से किसी को भी कोई गंभीर चोट नहीं आई।

कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल रात करीब 1.20 बजे आर जी कर अस्पताल पहुंचे। अतिरिक्त बलों को भी बुलाया गया। पुलिस आयुक्त ने हमले के लिए सीधे तौर पर सोशल मीडिया और ऑनलाइन समाचार आउटलेट के एक वर्ग को दोषी ठहराया और कहा कि 31 वर्षीय डॉक्टर की हत्या के बारे में दुर्भावनापूर्ण अभियान ने हमले को जन्म दिया।

गोयल ने कहा, “सोशल मीडिया पर लगातार निराधार जानकारी और झूठे आरोप फैलाए जा रहे थे। इसी वजह से हमला हुआ। मैं पुलिस आयुक्त के तौर पर कह रहा हूं कि किसी को भी डराने के लिए किसी भी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया गया। हमने तुरंत मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। और लोग भी हो सकते हैं। जांच जारी है। पुलिस को बदनाम करने की लगातार कोशिश की जा रही है।”

एक जूनियर डॉक्टर अनिकेत मैती ने मीडिया को बताया, "हमला शुरू होने से बहुत पहले ही हम उपद्रवियों को अस्पताल के बाहर इकट्ठा होते देख सकते थे और हमने पुलिस से कदम उठाने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जब उत्पात शुरू हुआ तो पुलिसकर्मी अस्पताल परिसर के अंदर शरण लेने के लिए भागे।"

मंगलवार को सीबीआई जांच का आदेश देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों से मरीजों की खातिर ड्यूटी पर लौटने की अपील की। गृह और स्वास्थ्य विभागों की भी प्रभारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार शाम को टीएमसी के कार्यक्रम से इसी तरह की अपील की है।

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