
रतन टाटा की वो बात... और टाटा ट्रस्ट से अलग हो गए मेहली मिस्त्री; लेटर में क्या लिखा
संक्षेप: टाटा ट्रस्ट में मेहली मिस्त्री के ट्रस्टी पद को लेकर चल रही अफवाहों पर मंगलवार को पूर्ण विराम लग गया। मेहली मिस्त्री ने औपचारिक रूप से टाटा समूह से अपनी विदाई की घोषणा कर दी है। ट्रस्ट के सदस्यों को लिखे एक पत्र में मिस्त्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति उस संस्था से बड़ा नहीं होता।
टाटा ट्रस्ट में मेहली मिस्त्री के ट्रस्टी पद को लेकर चल रही अफवाहों पर मंगलवार को पूर्ण विराम लग गया। मेहली मिस्त्री ने औपचारिक रूप से टाटा समूह से अपनी विदाई की घोषणा कर दी है। ट्रस्ट के सदस्यों को लिखे एक पत्र में मिस्त्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति उस संस्था से बड़ा नहीं होता, जिसकी सेवा वह करता है। पत्र में उन्होंने सर रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और बाई हीराबाई जेएन टाटा नवसारी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन ट्रस्ट जैसे तीन प्रमुख ट्रस्टों से ट्रस्टी पद छोड़ने का ऐलान किया है।

ट्रस्टियों को संबोधित पत्र में मिस्त्री ने लिखा कि मुझे हालिया रिपोर्टों से टाटा ट्रस्ट्स में मेरी ट्रस्टीशिप के बारे में जानकारी मिली है। मेरा विश्वास है कि यह पत्र उन अटकलों को समाप्त करने में सहायक होगा, जो ट्रस्ट के हितों के विपरीत हैं और इसके विजन के अनुरूप नहीं। बता दें कि यह फैसला उस दिन आया जब रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मिस्त्री महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर के पास ट्रस्ट द्वारा उनकी ट्रस्टीशिप न बढ़ाने के फैसले को चुनौती देंगे।
मिस्त्री ने जोर देकर कहा कि 28 अक्टूबर 2025 तक ट्रस्टी के रूप में सेवा करना उनके लिए 'अत्यंत सौभाग्यपूर्ण' रहा। उन्होंने इसे रतन टाटा द्वारा प्रदान किया गया सम्मान बताया। पत्र में उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए, मैं उनके नैतिक शासन, शांतिपूर्ण परोपकार और सर्वोच्च अखंडता के सिद्धांतों से प्रेरित रहा हूं। उन्होंने रतन टाटा के विजन के प्रति अपनी निष्ठा पर बल देते हुए कहा कि ट्रस्ट को विवादों में फंसने से बचाना उनकी जिम्मेदारी है, क्योंकि इससे ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंच सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि इस मुद्दे को बढ़ावा देने से टाटा ट्रस्ट्स की साख को गंभीर नुकसान होगा। इसलिए रतन एन टाटा की भावना का पालन करते हुए, जिन्होंने सदैव सार्वजनिक हित को व्यक्तिगत हित से ऊपर रखा, मैं आशा करता हूं कि भविष्य में अन्य ट्रस्टियों के कार्य पारदर्शिता, सुशासन और जनहित के मूल्यों से निर्देशित रहें। अंत में उन्होंने रतन एन टाटा के एक कथन का हवाला देते हुए पत्र समाप्त किया कि कोई भी व्यक्ति उस संस्थान से बड़ा नहीं है, जिसकी वह सेवा करता है।
बता दें कि मेहली मिस्त्री, टाटा संस के पूर्व चेयरमैन दिवंगत साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं, जिनका 2022 में निधन हो गया था। उनकी पारिवारिक कंपनी शापूरजी पल्लोनजी के पास टाटा संस में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं, टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में 66 प्रतिशत शेयर हैं, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस समूहों में शुमार टाटा ग्रुप की 30 कंपनियों की निगरानी करता है, जिसमें एयर इंडिया, टाटा स्टील और जगुआर लैंड रोवर जैसी प्रमुख इकाइयां शामिल हैं।





