
महबूबा मुफ्ती ने अमित शाह को लिखा पत्र, यासीन मलिक मामले को लेकर रखी यह मांग
संक्षेप: यासीन मलिक ने दावा किया कि वह हृदय और गुर्दे की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैंने अमित शाह को पत्र लिखकर यासीन मलिक के मामले को मानवीय दृष्टिकोण से देखने का अनुरोध किया है।’
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने प्रतिबंधित जेकेएलएफ सुप्रीमो मोहम्मद यासीन मलिक के खिलाफ मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है, क्योंकि मलिक ने हिंसा का रास्ता छोड़कर राजनीतिक जुड़ाव का रास्ता चुना है। मलिक को फरवरी 2019 में गिरफ्तार किया गया था। वह कई मामलों का सामना कर रहा है। इनमें 1990 में रुबैया सईद का अपहरण, रावलपोरा में भारतीय वायुसेना कर्मियों पर हमला और एनआईए की ओर से दर्ज 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले शामिल हैं।
यासीन मलिक ने दावा किया कि वह हृदय और गुर्दे की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मैंने अमित शाह को पत्र लिखकर यासीन मलिक के मामले को मानवीय दृष्टिकोण से देखने का अनुरोध किया है। हालांकि मैं उनकी राजनीतिक विचारधारा से असहमत हूं, लेकिन हिंसा का त्याग करके राजनीतिक सक्रियता और अहिंसक असहमति का रास्ता चुनने के उनके साहस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।'
पत्र लिखकर क्या रखी मांग
महबूबा मुफ्ती ने गृह मंत्री को लिखे पत्र को अपने एक्स खाते पर भी पोस्ट किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने शाह को लिखे पत्र में कहा, 'मैं आपके सम्मानित कार्यालय से यासीन मलिक के मामले की सहानुभूतिपूर्वक और तत्काल समीक्षा करने की अपील करती हूं। एक ऐसा नाम जो कभी प्रतिरोध का प्रतीक था, बाद में संयम का रास्ता चुना और अब जेल की दीवारों के पीछे खामोश है।' मुफ्ती ने कहा कि मलिक में गहरा परिवर्तन आया है क्योंकि उन्होंने हिंसा का त्याग करके राज्य पर भरोसा जताया है।





