'दुर्भाग्यपूर्ण'; राहुल गांधी के पीएम मोदी पर बाइडन की तरह मेमोरी लॉस वाले तंज की MEA ने की निंदा
- Rahul Gandhi: राहुल गांधी के पीएम मोदी पर किए गए मेमोरी लॉस वाले तंज पर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति को लेकर लोकसभा प्रतिपक्ष की इस तरह की टिप्पणई अफसोसजनक है।
विदेश मंत्रालय ने राहुल गांधी की पीएम मोदी के ऊपर बाइडन के संदर्भ में की गई टिप्पणी की निंदा की है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि लोकसभा नेता प्रतिपक्ष का किसी देश के वर्तमान राष्ट्रपति के बारे में ऐसी टिप्पणी करना अफसोसजनक है। दरअसल, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए की गई एक प्रचार रैली में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की याददाश्त भी अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह कमजोर हो गई है।
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बारे में सवाल पूछे जाने पर प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे अफसोसजनक बताया। उन्होंने कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुत गहरी पार्टनरशिप है। दोनों देशों के बीच की यह साझेदारी वर्षों की मेहनत, सहयोग और आपसी सम्मान पर आधारित है। उनकी यह टिप्पणी दोनों देशों के मधुर संबंधों के अनुरूप नहीं है और न ही यह भारत की स्थिति को दर्शाती है।
बाइडन पर राहुल गांधी की इस टिप्पणी ने तब और तूल पकड़ा था, जब पिछले हफ्ते एक चिकित्सकीय समूह ने इस टिप्पणी के लिए बाइडन से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी। नेशनल मेडीकोज ऑर्गनाइजेशन-भारत ने राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस बात के बारे में जानकारी दी थी। संगठन के अध्यक्ष सीबी त्रिपाठी ने कहा कि इतने बड़े पद पर बैठे नेता द्वारा ऐसी टिप्पणी करना सही नहीं है। यह टिप्पणियां अशोभनीय है और संवेदनशीलता की कमी को प्रदर्शित करती हैं।
त्रिपाठी ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर सक्रिय नेता व्यक्ति द्वारा जब ऐसी टिप्पणी की जाती है तो इस तरह की बीमारियों के बारे में गलत सूचना बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इससे वास्तविक रोगियों की समझ और इलाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के स्वास्थ्य को लेकर लगातार सवाल उठते रहते हैं। पिछले दो सालों से उनको भूलते और जगहों से भटकते हुए दिखाते कई वीडियो वायरल हुए हैं। इसकी वजह से अमेरिका समेत पूरी दुनिया में यह बात चल रही है कि बढ़ती उम्र की वजह से बाइडन की याददाश्त कमजोर हो गई है। इसी की वजह से उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।