Hindi Newsदेश न्यूज़Manipur Governor leaves Imphal likely to discuss law and order situation with leaders in Delhi

मणिपुर में बिगड़ते हालात के बीच अब राज्यपाल जाएंगे दिल्ली, केंद्र सरकार से चर्चा

  • मणिपुर में ताजा हिंसा की घटनाओं में इस महीने की शुरुआत से अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद छात्र रविवार से इंफाल में प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की कमान राज्य सरकार को सौंप दी जानी चाहिए।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, गुवाहाटीWed, 11 Sep 2024 07:21 AM
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मणिपुर के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य बुधवार सुबह इम्फाल से रवाना हो गए हैं। बताया जा रहा है कि वे गुवाहाटी जा रहे हैं जहां से उनके नई दिल्ली जाने की उम्मीद है। राज्यपाल दिल्ली में मणिपुर की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करेंगे। इस दौरान वह रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा केंद्र को कुकी उग्रवादी समूहों के साथ समझौते को खत्म करने की अपील करने वाले ज्ञापन पर भी चर्चा करेंगे। बीते मंगलवार को विरोध प्रदर्शनों और हिंसा में बढ़तरी के बाद इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम और थौबल जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दी गई है। इम्फाल घाटी के पांच जिलों- इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी कॉलेजों और स्कूलों को भी बंद करने की घोषणा की जो शनिवार से बंद हैं। ये सभी कॉलेज और स्कूल गुरुवार तक दो दिन के लिए बंद रहेंगे।

मंगलवार को राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने राज्य के सभी वर्गों, छात्र संगठनों और नेताओं से शांति स्थापित करने करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की थी। इंफाल में राजभवन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "यह देखा गया है कि पिछले कुछ महीनों से राज्य में उथल-पुथल मची हुई है। शांति और लोगों का सहयोग ही एकमात्र साधन है जो सामाजिक विकास ला सकता है।" राज्यपाल ने कहा कि कुछ अप्रिय घटनाओं ने राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों के समर्पित प्रयासों को गहरा झटका दिया है।" उन्होंने कहा कि "हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। सभी को इसमें योगदान देना होगा और इस समस्या से निपटने के तरीके खोजने होंगे।"

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प

ताजा हिंसा की घटनाओं में इस महीने की शुरुआत से अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद छात्र रविवार से इंफाल में प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की कमान राज्य सरकार को सौंप दी जानी चाहिए। उन्होंने सोमवार को राजभवन के बाहर कई घंटों तक प्रदर्शन किया था जिसके बाद उन्हें तितर-बितर कर दिया गया था। मंगलवार को भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई जब प्रदर्शनकारियों ने फिर से राजभवन पहुंचने की कोशिश की। झड़प में करीब 40 छात्र घायल हो गए।

कम से कम 235 लोगों की जा चुकी है जान

मणिपुर में पिछले साल मई से ही इम्फाल घाटी में बहुसंख्यक मैतेई और पड़ोसी पहाड़ी जिलों में प्रमुख आदिवासी कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा देखी जा रही है। अब तक कम से कम 235 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 50,000 से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं। अधिकांश विस्थापित लोग राज्य के राहत शिविरों में रह रहे हैं। हिंसा की शुरुआत से ही राज्य में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू और इंटरनेट प्रतिबंधों का दौर जारी रहा। हालांकि पिछले कुछ महीनों में हिंसा में कमी आने के बाद इसमें ढील दी गई थी लेकिन इस महीने हमलों में ड्रोन और रॉकेट के इस्तेमाल से हिंसा बढ़ गई। रविवार देर रात मैतेई और कुकी क्षेत्रों के बीच “बफर ज़ोन” को गलती से पार करने के बाद एक पूर्व सैनिक की मौत हो गई। 1 सितंबर से मेइतेई गांवों पर ड्रोन और लंबी दूरी के रॉकेट हमलों में कम से कम नौ लोग मारे गए हैं।

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