
वकीलों का नकली नेकबैंड, CJI और जजों के नाम से झूठा प्रचार; फिर कैसे खुली वेबसाइट की पोल
संक्षेप: यह प्रीमियम कॉटन नेकबैंड 499 रुपए की कीमत पर बेचा जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि इसके रिव्यू में वकीलों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, यहां तक सीजेआई तक का कमेंट है। पुणे के एक वकील अंकुर जहांगीरदार ने लिंक्डइन पर यह मामला उठाया है।
ऑनलाइन मार्केट में धोखाधड़ी की खबरें अक्सर आती रहती हैं। लेकिन इस बार जो खबर आई है, वह चौंकाने वाली है। मामला एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर वकीलों के नेकबैंड बेचने का है। यह प्रीमियम कॉटन नेकबैंड 499 रुपए की कीमत पर बेचा जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि इसके रिव्यू में वकीलों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, यहां तक सीजेआई तक का कमेंट है। पुणे के एक वकील अंकुर जहांगीरदार ने लिंक्डइन पर यह मामला उठाया है।

अंकुर ने लिखा है कि इस नेक बैंड के रिव्यूज की एक बात बेहद दिलचस्प है। इसका रिव्यू करने वालों में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस रोहिन्टन नरीमन आदि का नाम शामिल हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि सच यह है कि यह सभी रिव्यूज पूरी तरह से फेक हैं। 30 अक्टूबर को वेबसाइट पर रिव्यू में पूर्व सीजेआई यूयू ललित, एनवी रमन्ना, वर्तमान सीजेआई बीआर गवई आदि के नाम शामिल हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों दीपक गुप्तान, ऋषिकेश रॉय, आरएफ नरीमन समेत कई जजों के नाम शामिल हैं।
सिर्फ वकीलों और जजों ही नहीं, राजनीतिक क्षेत्र के दिग्गजों का रिव्यू भी इस वेबसाइट पर है। इनमें, संजय राउत, आदित्य ठाकरे, शरद पवार, अजीत पवार, सचिन पायलट, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारुख अब्दुल्ला, शशि थरूर और गुलाम नबी आजाद जैसे नाम शामिल हैं।
हालांकि खबरों में आने के बाद और लीगल सर्किल की नजरों में आने के बाद इन रिव्यूज को डिलीट कर दिया गया है। बार एंड बेंच से बात करते हुए एडवोकेट जहांगीरदार ने कहा कि बैंड की बहुत ज्यादा कीमत और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों तथा वरिष्ठ वकील राम जेतमलानी जैसे दिवंगत प्रभावशाली व्यक्तित्वों के नाम पर पोस्ट की गई नकली समीक्षाएं इसे एक घोटाला साबित करती हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसे उजागर करना चाहता था। यही कारण है कि मैंने इसे अपनी लिंक्डइन पेज पर पोस्ट किया।





