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KTR को राहत, फॉर्मूला-ई रेसिंग मामले में फैसला आने तक गिरफ्तारी पर रोक

  • तेलंगाना मंत्री केटीआर की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। यह रोक फॉर्मूला ई रेसिंग मामले में उनकी याचिका पर फैसले तक जारी रहेगी।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 31 Dec 2024 05:17 PM
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KTR को राहत, फॉर्मूला-ई रेसिंग मामले में फैसला आने तक गिरफ्तारी पर रोक

फॉर्मूला-ई कार रेसिंग मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेता और पूर्व मंत्री केटी रामाराव को तेलंगाना हाई कोर्ट ने राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि याचिका पर अंतिम फैसला आने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। केटीआर ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

क्या है मामला?

केटी रामाराव पर आरोप है कि उन्होंने नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद में आयोजित फॉर्मूला-ई कार रेसिंग के आयोजकों को 55 करोड़ रुपये का भुगतान करवाया। यह भुगतान मौखिक आदेशों के आधार पर किया गया, जो न केवल बिना कैबिनेट की मंजूरी के हुआ बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन था।

एंटी-करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई

इस मामले में एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। एसीबी ने आरोप लगाया कि यह धनराशि राज्य सरकार के खजाने से बिना उचित प्रक्रिया के जारी की गई। आरबीआई ने इस अनधिकृत लेनदेन पर उस समय की तेलंगाना सरकार पर 8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे बाद में कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान चुकाया।

क्या है केटीआर का पक्ष

केटीआर ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे उनकी छवि खराब करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मामले को रद्द करने की मांग की, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

राजनीतिक हलचल

यह मामला तेलंगाना की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर BRS सरकार पर निशाना साधा है, जबकि केटीआर और उनके समर्थक इसे विपक्ष का राजनीतिक षड्यंत्र बता रहे हैं। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद फिलहाल केटीआर को राहत मिली है, लेकिन मामले का अंतिम फैसला आना अभी बाकी है।

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