तेलंगाना से राज्यसभा जाएंगे अभिषेक मनु सिंघवी, उपचुनाव में कांग्रेस ने बनाया उम्मीदवार
- तेलंगाना में कांग्रेस के पास बड़ा बहुमत है और उसे यह सीट जीतना तय है। उपचुनाव 3 सितंबर को होना है।
तेलंगाना में राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अभिषेक मनु सिंघवी की उम्मीदवारी को मंजूरी दी। अभिषेक मनु सिंघवी एक जाने-माने कानूनी विशेषज्ञ और राजनेता हैं। वे पहले भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं।
बता दें कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के राज्यसभा सांसद के रूप में केशव राव ने इस्तीफा दे दिया था जिससे ये सीट खाली हुई है। वे BRS छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। अब उपचुनाव में इस खाली सीट पर कांग्रेस की जीत आसान लग रही है।
तेलंगाना में कांग्रेस के पास बड़ा बहुमत है और उसे यह सीट जीतना तय है। उपचुनाव 3 सितंबर को होना है। अगर कांग्रेस ये सीट जीतती है तो राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या 27 हो जाएगी।
चुनाव के लिए अधिसूचना 14 अगस्त को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जिसकी जांच 22 अगस्त तक की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त है। मतदान के दिन ही मतों की गणना की जाएगी।
हिमाचल से हार गए थे सिंघवी
बता दें कि इसी साल कांग्रेस ने सिंघवी को हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था। लेकिन 27 फरवरी को हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को ड्रॉ ऑफ लॉट्स नियम के चलते विजेता घोषित किया गया था। हर्ष और सिंघवी दोनों को 34-34 वोट मिले थे। हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक थे और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था। 27 फरवरी को जब वोटिंग हुई तो दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले। कांग्रेस के 6 बागी विधायकों और तीन निर्दलीयों ने भाजपा कैंडिडेट के पक्ष में वोट किया। दोनों उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले। विजेता की घोषणा ड्रॉ द्वारा की गई। चुनाव अधिकारी ने दोनों कैंडिडेट के नाम की पर्ची डाली और जिसकी पर्ची बाहर निकली, उसे हारा हुआ घोषित कर दिया गया।
कुल 12 सीटों पर होगा उपचुनाव
अगले महीने राज्यसभा की 12 सीटों के लिए उपचुनाव होने वाला है। इसके बाद भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उच्च सदन में स्पष्ट बहुमत हासिल होने की उम्मीद है। इससे पार्टी को वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे प्रमुख विधेयकों को पारित कराने में मदद मिलेगी। वर्तमान में 229 सदस्यों वाले उच्च सदन में भाजपा के 87 सांसद हैं तथा इसके सहयोगी दलों के साथ यह संख्या 105 है। छह मनोनीत सदस्यों, जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में वोट करते हैं, को मिलाकर राजग के सांसदों की संख्या 111 हो जाती है, जो 115 के बहुमत के आंकड़े से चार कम है।
उच्च सदन में कांग्रेस के 26 सदस्य हैं तथा इसके सहयोगी दलों के 58 सदस्य और जुड़ने से विपक्षी गठबंधन के सदस्यों की संख्या 84 हो गई है। प्रमुख तटस्थ दलों में 11 सदस्यों वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और आठ सदस्यों वाली बीजद शामिल हैं। नौ राज्यों की 12 रिक्त राज्यसभा सीटों के लिए तीन सितंबर को चुनाव होगा।
भाजपा और इसके सहयोगी दलों को चुनाव में 12 में से 11 सीट मिलने की उम्मीद है, जिससे 245 सदस्यीय सदन में राजग का संख्याबल 122 हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर से उच्च सदन में चार सीट रिक्त हैं क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश को अभी तक अपनी पहली विधानसभा नहीं मिली है। इससे राज्यसभा की प्रभावी संख्या घटकर 241 रह गई है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मौजूदा सदस्यों के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण राज्यसभा की 10 सीट खाली हो गई हैं। तेलंगाना और ओडिशा में भी दो सीटों के लिए उपचुनाव होना है।
(इनपुट एजेंस)
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।