बिना कारण बताए कुछ भी करेंगे क्या? कस्टम विभाग पर भड़का हाईकोर्ट, क्या मामला
संक्षेप: केरल हाईकोर्ट ने सीमा शुल्क विभाग पर सख्ती दिखाते हुए अभिनेता दुलकर सलमान की कार की रिहाई के संबंध में एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है। केरल हाईकोर्ट ने कस्टम के अधिकारियों को फटकार भी लगाई।

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कस्टम विभाग के कुछ फैसलों की निंदा करते हुए इसे मनमानी बताया है। कोर्ट में मलयालम अभिनेता दुलकर सलमान के लग्जरी कार की जब्ती को लेकर सुनवाई चल रही थी। इससे पहले हाल ही में सलमान की 2004 लैंड रोवर डिफेंडर को जब्त कर लिया गया था। अब कोर्ट ने कस्टम विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कार की रिहाई के लिए दायर याचिका पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
इससे पहले कस्टम विभाग ने 'ऑपरेशन नुमखोर’ नाम के एक ऑपरेशन के तहत दुलकर सलमान की कार को जब्त कर लिया था। इस ऑपरेशन के तहत उन लक्जरी गाड़ियों को जब्त किया गया था जो कथित तौर पर जाली नोटों का उपयोग करके भूटान से मंगाए गए थे। सीमा शुल्क विभाग के वकील ने मंगलवार को अदालत में कहा, "सीमा शुल्क अधिकारी के विश्वास की वजह से ही गाड़ी जब्त की गई थी।"
क्या बोला कोर्ट?
कोर्ट ने इस पर जवाब दिया, "तो आप 'विश्वास था' कहकर कुछ भी जब्त कर सकते हैं क्या? फिर महजर का क्या मतलब है? क्या उन्हें कोई कारण भी नहीं बताया जाना चाहिए? हम जब्ती के मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं। आपकी जांच में कोई बाधा नहीं डालेगा। आप एक व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित कर रहे हैं। आप बस यह कह रहे हैं कि आपके पास विश्वास करने का कोई कारण है।" सुनवाई के दौरान जस्टिस ज़ियाद रहमान एए ने कहा, "सीलबंद लिफाफे में भी, आपने कोई खास जानकारी नहीं दी है। इसका मतलब है कि अभी आपके पास कोई आधार नहीं है।”
कोर्ट ने सीमा शुल्क विभाग के वकील से पूछा कि क्या अधिकारियों के लिए वाहन को अपने कब्जे में रखना जरूरी था। कोर्ट ने पूछा, “इस मामले और उस मामले में फर्क है जहां खाड़ी देशों से सोना लाने वाले किसी व्यक्ति को हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया जाता है और सोना जब्त कर लिया जाता है। यह एक ऐसी कार है जिसका इस्तेमाल सालों से हो रहा है... क्या जांच के लिए वाहन का आपके पास होना जरूरी है?”
सलमान की दलील
इससे पहले सलमान ने सितंबर को सीमा शुल्क प्राधिकरण के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें सभी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। लेकिन गाड़ी को जब्त करने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपनी याचिका में सलमान ने कहा कि गाड़ी वैध तरीके से खरीदी गई थी और उसके साथ सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे कि बिल, चालान और पंजीकरण पत्र, सभी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि विभाग के पास गाड़ी को आयात करने या बिक्री में किसी भी तरह से संदेह करने का कोई कारण नहीं है।





