युवाओं को प्रेरित करता रहेगा काकोरी प्रतिशोध, शताब्दी समारोह में बोले केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
- काकोरी कांड के शताब्दी वर्ष पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि क्रांतिकारियों के प्रतिरोध की यह घटना युवाओं को सदैव प्रेरणा देती रहेगी।
काकोरी कांड के 100 वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि क्रांतिकारियों के प्रतिरोध की यह घटना युवाओं को सदैव प्रेरणा देती रहेगी। शेखावत कांस्टीट्यूशन क्लब में सभ्यता अध्ययन केंद्र द्वारा काकोरी प्रतिरोध शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे। शेखावत ने कहा कि भारत में जानबूझकर इसे छिपाने के प्रयास किए। उन्होंने कहा कि हम इतिहास को जानने का प्रयास करेंगे तो पता चलेगा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के दौरान लखनऊ के निकट काकोरी में क्रांतिकारियों ने स्वयं सक्षम होने और सहारनपुर से लखनऊ जाने वाली रेलगाड़ी में काकोरी में अंग्रेजी सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने के उद्देश्य से चलती ट्रेन में सरकारी ख़ज़ाने को लूटा था।
बता दें कि 9 अगस्त 1925 को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने के लिए अंग्रेजी सरकार का ही खजाना लूट लिया था। यह घटना काकोरी में अंजाम दी गई थी। इसलिए इसे काकोरी कांड के रूप में जाना जाता है। 9 अगस्त 1925 को घटित इस घटना में युवा क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाकउल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आज़ाद, शचींद्रनाथ सान्याल, ठाकुर रोशन सिंह और अन्य क्रांतिकारी शामिल थे।
घटना के बाद सितंबर तक इस मामले में कुल 40 क्रांतिकारियों गिरफ्तार किया गया। चार लोग जिन्हें फांसी की सजा दी गई वे थे राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, राजेंद्र लोहड़ी और ठाकुर रोशन सिंह। इस घटना को घटित हुए एक शताब्दी हो रही है।
गुरुवार 8 अगस्त को नई दिल्ली के सभ्यता अध्ययन केंद्र में स्वाधीनता आंदोलन की इस ऐतिहासिक घटना के सौ वर्ष होने पर कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। “काकोरी प्रतिरोध शताब्दी वर्ष समारोह” के अंतर्गत कांस्टीट्यूशन क्लब एनेक्सी के डिप्टी स्पीकर हॉल में “काकोरी विमर्श” का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि रहे केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आगे भी कई वर्षों तक काकोरी कांड युवाओं को प्रेरित करता रहेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विशिष्ठ अतिथि रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने की। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सत्यपाल सिंह (सेवानिवृत IPS) भी उपस्थित रहे। काकोरी विमर्श पर आमंत्रित प्रमुख वक्त के रूप में डॉ. आनंदवर्धन ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। आनंद वर्धन डॉ. बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली से जुड़े हुए हैं।
इस मौके पर सभ्यता अध्ययन केंद्र के निदेशक रविशंकर ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान अपनी जान न्यौछावर करने वाले क्रांतिकारियों को याद किया। उन्होंने बताया कि काकोरी प्रतिरोध की घटना ने इतिहास में वह स्थान नहीं पाया जो उसे मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी वीरों के योगदान को पूरे देश में फैलाने के लिए सभ्यता अध्ययन केंद्र वर्षभर कार्यक्रम आयोजित करेगा। रविशंकर ने कहा काकोरी कांड नहीं बल्कि काकोरी प्रतिरोध था।
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