
गाजा के निर्माण में भारत अहम भूमिका निभा सकता है, इजरायल ने दिए संकेत; क्या है प्लान?
संक्षेप: अजार ने कहा कि यदि यह योजना लागू होती है, तो कई अवसर सामने आएंगे और भारत सीधे तौर पर अमेरिकियों, टोनी ब्लेयर और अन्य अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों व संगठनों के साथ जुड़कर इसमें हिस्सा ले सकेगा।
इजरायल के भारत में राजदूत रियूवेन अजार ने कहा है कि आने वाले वर्षों में भारत इजरायल के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा संकट के समाधान के लिए प्रस्तावित शांति योजना का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। अजार ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “कल एक ऐतिहासिक दिन था। हमने देखा कि न केवल अमेरिका और इजरायल, बल्कि अरब दुनिया, मुस्लिम देशों और बड़े अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस शांति योजना का समर्थन किया।”
200 अरब डॉलर के टेंडर, भारत के लिए अवसर
इजरायली राजदूत ने बताया कि उनका देश अगले 10 वर्षों में 200 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के टेंडर जारी करने की योजना बना रहा है। इसमें भारतीय कंपनियों की भागीदारी की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, “भारत के पास क्षमताएं हैं। हाल ही में इजरायल से एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत आया था, जिसने भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को इजरायल में निर्माण कार्य में भागीदारी का न्यौता दिया। गाजा के पुनर्निर्माण में भी भारत अहम भूमिका निभा सकता है, यह पूरी तरह भारत पर निर्भर करेगा।” अजार ने कहा, "भारत फिलिस्तीन में निर्माण कर सकता है...भारत दुनिया का नया निर्माता है।"
शांति योजना से खुलेगा नया रास्ता
अजार ने कहा कि यदि यह शांति योजना लागू होती है, तो भारत को सीधे तौर पर अमेरिका, टोनी ब्लेयर और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे भारत को बड़े पैमाने पर नए अवसर प्राप्त होंगे। राजदूत ने भारत के रुख की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों के मूल्य आतंकवाद और कट्टरपंथ के विरोध में समान हैं। उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद को अस्वीकार करते हैं, कट्टरपंथ का मुकाबला करते हैं और विकास तथा शांति की ओर बढ़ने वाले प्रयासों का समर्थन करते हैं। यही मूल्य भारत और इजरायल को करीब लाते हैं।”
7 अक्टूबर हमले के बाद की स्थिति
अजार ने कहा कि शांति योजना के सिद्धांतों में वे सभी पहलू शामिल हैं जो 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद आवश्यक माने गए थे। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी गाजा पट्टी में हमास को हथियार छोड़ने, बंधकों की रिहाई और आत्मशासन स्थापित करने के मुद्दे पर एकजुट है।
इजरायल की उम्मीद – हमास स्वीकार करे प्रस्ताव
राजदूत अजार ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। यदि ऐसा होता है तो 72 घंटे के भीतर इजरायल नई सीमा रेखा तक पीछे हट जाएगा। हम फिलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेंगे और गाजा में सहायता आने की अनुमति देंगे। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद से गाजा में नया आत्मशासन स्थापित होगा और पुनर्निर्माण शुरू किया जाएगा।” गौरतलब है कि सोमवार को वाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की बैठक के बाद यह शांति योजना जारी की थी। इस योजना का मकसद पिछले दो वर्षों से जारी गाज़ा संघर्ष को समाप्त करना है।





