इंदौर से मुंबई की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दोनों शहरों के बीच 309 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने का फैसला लिया गया है। यह रेल लाइन इंदौर से मुंबई के ही एक इलाके ममाड के बीच बिछेगी। 18,036 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट 1000 गांवों की कनेक्टिविटी मजबूत करेगा। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने सोमवार को यह फैसला लिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इससे मुंबई और इंदौर जैसे दो बड़े हब जुड़ सकेंगे। इस प्रोजेक्ट को 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से 102 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा।
इस परियोजना के तहत कुल 30 नए स्टेशन तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा आकांक्षी जिले बरवानी की कनेक्टिविटी भी इससे मजबूत होगी। रेल मंत्री ने बताया कि पीएम-गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत इस परियोजना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे माल ढुलाई और यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। इंदौर और मुंबई के बीच 309 किलोमीटर के इस नेटवर्क के तहत कुल 6 जिले पड़ेंगे। उन्होंने कहा इससे इन जिलों की कनेक्टिविटी और विकास को गति मिलेगी। यही नहीं मध्य भारत से पश्चिम और दक्षिण पश्चिम भारत की कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दोनों ही इलाकों में पर्यटन की गतिविधियां भी तेज होंगी।
उम्मीद की जा रही है कि इससे उज्जैन-इंदौर क्षेत्र का विकास तेज होगा और महाकाल मंदिर पहुंचना भी पश्चिम भारत के लोगों के लिए आसान होगा। इसके अलावा मिलेट उत्पादन करने वाले मध्य प्रदेश के जिलों और प्याज उत्पादन करने वाले महाराष्ट्र के जिलों को कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे फसलों को पहुंचाने में भी आसानी होगी। कहा जा रहा है कि इससे ऐग्रिकल्चरल प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, कंटेनर्स, स्टील, सीमेंट, पेट्रोलियम, तेल और ल्यूब्रिकेंट्स जैसे उत्पादों की ढुलाई पहले के मुकाबले काफी आसान हो सकेगी। इस परियोजना के तहत पूरे रूट पर 30 नए स्टेशन तैयार किए जाएंगे। इनसे 1000 गांवों तक पहुंचना आसान होगा और कुल 30 लाख लोगों को सीधे तौर पर फायदा होगा।