Hindi NewsIndia NewsIndian Railway 135 Train Accident Recorded in 2014 15 But This Year Only 3 Government Told in Parliament
2014-15 में हुए थे 135 रेल हादसे, इस साल अब तक सिर्फ तीन; सरकार ने संसद में बताया

2014-15 में हुए थे 135 रेल हादसे, इस साल अब तक सिर्फ तीन; सरकार ने संसद में बताया

संक्षेप: वैष्णव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2004 से 2014 के दौरान कुल 1,711 ट्रेन हादसे हुए थे, यानी वार्षिक औसत 171 हादसे, जो अब घटकर रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

Sat, 26 July 2025 03:53 PMMadan Tiwari पीटीआई, नई दिल्ली
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Indian Railways: केंद्र सरकार ने कहा है कि भारतीय रेलवे सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और समय-समय पर किए गए सुरक्षा उपायों के चलते ट्रेन हादसों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2014-15 में जहां 135 हादसे हुए थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर 31 रह गई और 2025-26 में जून 2025 तक में केवल तीन हादसे दर्ज किए गए हैं।

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वैष्णव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2004 से 2014 के दौरान कुल 1,711 ट्रेन हादसे हुए थे, यानी वार्षिक औसत 171 हादसे, जो अब घटकर रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं। रेल मंत्री ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इसके तहत 6,635 स्टेशनों पर इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है जिससे पॉइंट और सिग्नल के केंद्रीकृत संचालन के जरिये मानवीय त्रुटियों से होने वाले हादसों में कमी आई है।

उन्होंने बताया कि 11,096 लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर इंटरलॉकिंग की सुविधा प्रदान की गई है, जिससे रेल फाटकों पर सुरक्षा बढ़ी है। इसके साथ ही 6,640 स्टेशनों पर ट्रैक सर्किटिंग की गई है ताकि ट्रैक पर ट्रेन की उपस्थिति की पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक रूप से की जा सके। जुलाई 2020 में राष्ट्रीय ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के रूप में अपनायी गयी 'कवच' तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। यह अब तक कई मार्गों में लागू हो चुकी है और दिल्ली-मुंबई व दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर इसके लिए काम जारी है।

वैष्णव ने बताया कि सभी इंजनों में 'विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस' लगाए गए हैं ताकि लोको पायलटों की सतर्कता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि कोहरे के मौसम में कम दृश्यता के दौरान चालक दल को सतर्क करने के लिए ओएचई मास्ट पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव सिग्मा बोर्ड लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए जीपीएस आधारित ‘फॉग सेफ्टी डिवाइस’ कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों में लोको पायलटों को दिए गए हैं जिससे वे सिग्नल और लेवल क्रॉसिंग गेट जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं की दूरी जान सकते हैं।

Madan Tiwari

लेखक के बारे में

Madan Tiwari

लखनऊ के रहने वाले मदन को डिजिटल मीडिया में आठ साल से अधिक का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान में यह दूसरी पारी है। राजनीतिक विषयों पर लिखने में अधिक रुचि है। नेशनल, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स, यूटीलिटी, एजुकेशन समेत विभिन्न बीट्स में काम किया है। लगभग सभी प्रमुख अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर 200 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। खाली समय में लॉन टेनिस खेलना पसंद है।

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