
नौसेना को स्टेल्थ फ्रीगेट का डबल डोज; पहला उदयगिरी और दूसरा हिमगिरी, क्यों कांपने लगे दुश्मन
संक्षेप: आईएनएस उदयगिरि का निर्माण मुंबई स्थित मजगॉन डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया। IANS हिमगिरि को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया। दोनों जहाजों में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ।
भारतीय नौसेना ने लगातार अपनी ताकत को मजबूत करती जा रही है। इस कड़ी में मंगलवार को विशाखापत्तनम में दो आधुनिक स्वदेशी नीलगिरी - क्लास स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स (आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी) को कमीशन किया। यह पहली बार है जब अलग-अलग भारतीय शिपयार्ड्स में बने 2 प्रमुख सतह युद्धपोत एक ही दिन और स्थान पर नौसेना के बेड़े में शामिल किए गए हैं। इन दोनों युद्धपोतों का निर्माण प्रोजेक्ट 17A (P-17A) के तहत हुआ है, जो शिवालिक क्लास (Project 17) का अगला वैरिएंट है।
आईएनएस उदयगिरि का निर्माण मुंबई स्थित मजगॉन डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया, जबकि आईएनएस हिमगिरि को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया है। दोनों जहाजों में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रत्येक फ्रिगेट करीब 6,700 टन वजनी हैं और इनमें अत्याधुनिक हथियार व सेंसर लगे हैं। इनमें 8 ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक-8 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम समेत कई आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। इनमें कंबाइंड डीजल/गैस (CODOG) प्रोपल्शन सिस्टम लगा है जो इन्हें तेज गति और बेहतर संचालन क्षमता प्रदान करती है।
नौसेना की ताकत और होगी मजबूत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि इन जहाजों के कमीशन होने से भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी और हिंद महासागर क्षेत्र में देश के समुद्री हितों की सुरक्षा मजबूत होगी। दोनों फ्रिगेट अब पूर्वी बेड़े का हिस्सा बनकर भारत की समुद्री सुरक्षा व्यवस्था को नया आयाम देंगे। यह उपलब्धि भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी अपडेट का प्रतीक मानी जा रही है, जिससे देश वैश्विक स्तर पर अपनी सामरिक क्षमता दिखाने के लिए तैयार हो गया है।





