
नेपाल को भारत का पूरा समर्थन है, सुशीला कार्की से PM मोदी ने की बात; मौतों पर जताया दुख
संक्षेप: विरोध प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित 72 लोग मारे गए थे, जिसके कारण ओली के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। प्रदर्शनों के दौरान नेताओं के घरों, महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों में भी आग लगा दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के साथ फोन पर बात की। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और नेपाल में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों के लिए भारत का अटल समर्थन दोहराया। साथ ही, उन्होंने नेपाल के संविधान दिवस पर सुशीला कार्की तथा नेपाल के समस्त नागरिकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री श्रीमती सुशीला कार्की के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। हाल ही में हुई दुखद जनहानि पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों के प्रति भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। साथ ही, मैंने उन्हें और नेपाल की जनता को कल उनके राष्ट्रीय दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।"
जेन Z प्रदर्शनों का तांडव और सुशीला कार्की का उदय
नेपाल में सितंबर की शुरुआत भयावह हिंसा से हुई, जब 'जेन Z' आंदोलन ने भ्रष्टाचार, सोशल मीडिया प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर देशव्यापी हंगामा मचा दिया। 8 सितंबर से शुरू हुए इन प्रदर्शनों में पुलिस कार्रवाई के दौरान गोलीबारी हुई, जिसमें कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी कार्यालयों और राजनेताओं के घरों पर हमला कर आगजनी की, जिससे काठमांडू सहित कई शहरों में अराजकता फैल गई।
इस संकट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने 10 सितंबर को इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति रामचंद्र पडौल ने संवैधानिक प्रावधानों के तहत 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। 73 वर्षीय सुशिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, जिन्हें डिस्कॉर्ड प्लेटफॉर्म पर युवा प्रदर्शनकारियों के अनौपचारिक मतदान से चुना गया। उनकी भ्रष्टाचार-विरोधी छवि और न्यायिक अखंडता ने उन्हें जनता का चहेता बना दिया।
कार्की सरकार का कार्यकाल मार्च 2026 तक सीमित है, जब नए संसदीय चुनाव होने हैं। उन्होंने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया और मृतकों के परिवारों को 10 लाख नेपाली रुपये मुआवजे की घोषणा की। अंतरिम सरकार का मुख्य लक्ष्य भ्रष्टाचार उन्मूलन, शासन सुधार और आर्थिक समानता सुनिश्चित करना है।
भारत का समर्थन: शोक और सहयोग का संदेश
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, "भारत नेपाल की स्थिरता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। हम दोनों देशों के कल्याण के लिए निकट सहयोग जारी रखेंगे।" प्रधानमंत्री मोदी ने 13 सितंबर को ही सोशल मीडिया पर कार्की को बधाई दी थी, जिसमें उन्होंने नेपाल की शांति एवं समृद्धि के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई थी।
संविधान दिवस: नेपाल का राष्ट्रीय गौरव का अवसर
कल, 19 सितंबर को नेपाल अपना संविधान दिवस (राष्ट्रीय दिवस) मना रहा है, जो 2015 में लागू हुए नए संविधान की याद दिलाता है। यह दिन नेपाल के लोकतांत्रिक संघर्ष का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्की को व्यक्तिगत रूप से बधाई देते हुए कहा कि भारत नेपाल के इस राष्ट्रीय अवसर पर उनके साथ खड़ा है। नेपाल में यह उत्सव पारंपरिक रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष की घटनाओं के बाद यह शांति एवं एकता का संदेश देने वाला होगा।





